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अशोक पांडेय

सवाल बहिष्कार का

भारत में बहिष्कार कोई नया नहीं है। देश की आजादी के समय भी तरह-तरह से अंग्रेजी हुकूमत के कामकाज का बहिष्कार हुआ करता था। आजादी मिलने के बाद भी कई बार बहिष्कार शब्द…

ये भूख की तिजारत

चुनावी साल के आते ही भारत सरकार ने दुनिया में भूख बाँटने का फैसला कर लिया है। हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बात नागवार लगे लेकिन है बिल्कुल सही। दरअसल चुनाव आने से…

ये झूठ और गरीबी

भारत कहने को लगातार तरक्की कर रहा है। धरती की बात कौन करे, अब तो चांद पर भी तिरंगा फहरा दिया गया है। जी-20 की बैठक क्या हो गई, लगता है भारत दुनिया में एक खास मुकाम…

ये रेवड़ी की बंदरबाँट

अपने यहां एक पुरानी कहावत कही जाती है। अंधा बाँटे रेवड़ी, फिर-फिर खुद को देय। मतलब यही है कि स्वार्थ में अंधे लोगों को अगर किसी के साथ न्याय करने का जिम्मा दे दिया…

कुर्बानियों से मिली ये दौलत

आज भारत का स्वतंत्रता दिवस है, हमारा राष्ट्रीय पर्व। छिहत्तर साल गुजरे, अब सतहत्तरवें की बारी है। धीरे-धीरे लोकतंत्र मजबूत होता जा रहा है। आज भारत की सत्ता…

अविश्वास पर बहस

विश्वास पर अक्सर बहस की जरूरत नहीं हुआ करती। बहस की शुरुआत ही होती है अविश्वास से। देश की संसद इस बात की गवाह बनी कि कैसे तीन दिनों तक लगभग सारे विधायी कामकाज ठप…

बदलाव की जरूरत

एनडीए सरकार ने अपने शासन काल के नौवें साल में एक खास बदलाव का फैसला लिया है। बदलाव किया जा रहा है अंग्रेजी कानून में। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की इस मामले में साफ…

मैच जिताऊ तरकीब

एक बार किसी क्रिकेट में भारतीय टीम के पराजय के बारे में किसी पत्रकार ने तत्कालीन कप्तान से हारने की वजह के बारे में सवाल किया। बातचीत के क्रम में विश्व एकादश टीम गठन…

संविधान की जरूरत

दुनिया में जब से उपनिवेशवाद का सफाया हुआ है तब से इंसानी सोच में भी बदलाव आया है। बदलाव की हालत आज यह है कि तानाशाही या राजशाही का दौर भी समाप्त हो गया है और…