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सुप्रीम कोर्ट

जुबान की फिसलन ठीक नहीं

देश की आजादी के साथ ही भारत और पाकिस्तान की कहानी शुरू हो गई थी। दोनों मुल्कों में दुश्मनी कुछ ऐसी रही कि अबतक कई बार पाकिस्तान की ओर से भारत पर जंग लादी गई मगर…

छोटी सोच से परहेज

भारत की शीर्ष अदालत ने एक कलाकार से कहा है कि उन्हें छोटी सोच से परहेज होनी चाहिए क्योंकि वे एक कलाकार हैं। कला किसी परिधि को नहीं मानती। कला इंसान को इंसान से…

सरकार और आतंकवाद

आतंकवाद पर सरकारी तौर पर जो भी अबतक बयान जारी होते रहे हैं या जिन घटनाओं को आतंकवाद से जोड़ा जाता रहा है, उन पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत आन पड़ी है। दरअसल…

राज्यपालों की समस्या

देश की आजादी से लेकर अबतक केंद्र में जितनी भी सरकारें बनी हैं, सभी ने कमोबेश राज्यपालों को अपना खास आदमी बनाकर ही राज्यों में पेश किया है। और यह खास आदमी भी यदि किसी…

मीडिया और अदालत

लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह माना जाता है कि मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। लेकिन जैसे-जैसे देश में सरकार चलाने वाले नेताओं का चरित्र बदलता गया, उसी…

दमघोंटू आबोहवा

उत्सवों का मौसम चल रहा है। जाहिर है कि खुशियां मनाने के लिए तरह-तरह के आयोजन किए जाएंगे। रोशनी का खास इंतजाम किया जाएगा और शौकीन लोग पटाखे भी जलाएंगे। आखिर इंसान…

चुनावी चंदे की चर्चा

प्रायः हर लोकतांत्रिक सरकार में राजनीतिक दलों की अहम भूमिका हुआ करती है। दलों का देश से अलग अस्तित्व भले हो, उन्हें देश की आबादी से भले ही कोई लेना-देना न हो, लेकिन…

बचा ली लाज

भारत सरकार की ओर से पहले ही इस बात का विरोध किया जा रहा था। विरोध यह हो रहा था कि समान लिंग के लोगों के बीच विवाह जैसा संबंध नहीं होना चाहिए। अदालत को भी इस मसले पर…

इंसाफ का इंसाफ

लोकतंत्र को सही तरीके से चलाने के लिए भारत में संविधान की रचना हुई। संविधान के तीन प्रमुख अंगों में कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा विधायिका को शामिल किया गया है।…