झारखण्ड के दागी IAS

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झारखण्ड : झारखण्ड के अलग राज्य होने पर जहाँ खुशहाली होनी चाहिए. ठीक उसके विपरीत यहाँ अमन चैन नहीं है. कहते हैं अगर जड़ में ही घुन लगा हो तो आम लोग सुख शान्ति से कैसे रह पाएंगे. बता दे कि आमतौर पर भारत के ब्यूरोक्रेसी को ‘आयरन चेस्ट’ कहा जाता है. सरकार चाहे जिस किसी पार्टी की हो, ये ब्यूरोक्रेट्स ही होते हैं जिनके सिग्नेचर से करोड़ों-अरबों के फंड का ‘खेल’ होता है. नाली से लेकर गली और सड़क से लेकर पानी तक इन्हीं के फरमान पर आप तक पहुंचता है। किसी भी सरकार की छवि बनाने और बिगाड़ने में इनका बड़ा रोल होता है. एक परीक्षा पास कर रिटायरमेंट तक के लिए इतना पॉवर मिल जाता है कि कभी-कभी तो इनको लगता है कि ‘अपुनिच भगवान है’. इसके बाद शुरू होती है पांच साल के लिए चुनी हुई सरकार की मुसीबत.

  • झारखंड के ऐसे IAS अधिकारियों को जानिए जिन पर करप्शन की तलवार लटक रही है.

 

1.सुनील कुमार

झारखंड भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. उनपर हजारीबाग में उपायुक्त के पद पर रहते 1.46 एकड़ सरकारी वन भूमि को रैयती बनाकर पत्नी रंजना कुमारी के नाम पर उक्त जमीन पर पेट्रोल पंप खोलने तथा रिकार्ड में छेड़छाड़ का आरोप है.

 

2.राजीव अरुण एक्का

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का 1994 बैच के IAS हैं. इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. आरोप है कि नेताओं और नौकरशाहों के काले धन के निवेशक विशाल चौधरी से काफी घनिष्ठ संबंध है. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें ये सरकारी फाइलें विशाल चौधरी के घर पर निपटाते देखे गए. ईडी छापेमारी कर चुकी है.

 

 

3.अरुण कुमार सिंह

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह के खिलाफ सीबीआई ने केंद्र सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगते हुए राज्य सरकार से पूरे मामले पर टिप्पणी मांगी थी. चार माह बाद भी राज्य सरकार ने जवाब नहीं दिया. यह मामला पश्चिमी सिंहभूम के घाटकुरी में लौह अयस्क खदान के आवंटन में गड़बड़ी और लौह अयस्क फाइंस को गैर कैप्टिव बनाने का है.

 

 

4.किरण पासी

किरण पासी के खिलाफ करीब 5.50 करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बड़ी को लेकर चार साल से जांच चल रही है. यह गड़बड़ी 2019 में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों की पोशाक आपूर्ति में हुई थी. तब किरण पासी गोड्डा की डीसी थीं. जब इनकी जांच की गई तो पता चला कि जमीन के फर्जीवाड़े के लिए एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। इस गिरोह में भू- राजस्व कार्यालय के कर्मचारी, ब्यूरोक्रेट्स, और राजनेता शामिल है. इसके बाद ही ईडी ने सात आरोपियों प्रदीप बागची, अफसर खान, फैयाज खान, इम्तियाज अहमद, भानु प्रताप प्रसाद, मो. सद्दाम हुसैन और तल्हा खान को गिरफ्तार किया था.

 

5.गोपालजी तिवारी

संयुक्त सचिव गोपालजी तिवारी के खिलाफ 2019 में सरकार ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसीबी जांच का आदेश दिया था. एसीबी ने प्रारंभिक जांच में आरोपों को सही मानते हुए केस दर्ज करने की अनुमति मांगी. लेकिन सरकार ने अब तक एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी.

 

 

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