बंगाल शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार : न्यायाधीश गांगुली को केस की सुनवाई से हटाने पर राजनीतिक जंग

बंगाल की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण-बीजेपी, टीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

88

कोलकाता : शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई कर रहे कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली को एक निजी टेलीविजन चैनल को दिये गये साक्षात्कार के बाद उठे विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई से हटाने के निर्देश से बंगाल में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इससे नौकरी चाहने वालों को आघात लगा है।

बता दें, एक निजी टेलीविजन चैनल को न्यायाधीश अभिजीत गांगुली द्वारा इंटरव्यू देने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश का ध्यान आकर्षित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को न्यायाधीश गांगुली को शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार से जुड़े मामले से हटाने का निर्देश दिया है।

प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह बंगाल के लोगों के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने किस तरह से इस तरह का निर्णय दिया है।

उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग चाहते हैं कि न्यायाधीश गांगुली केस की सुनवाई करें, लेकिन बंगाल के लोग न्यायाधीश गांगुली की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को याद रखेंगे।

उन्होंने कहा कि यदि इस निर्णय से टीएमसी के नेता यह समझ रहे हैं कि वह बच जाएंगे, तो इंतजार करें, क्योंकि सभी समय केस की सुनवाई केस के साक्ष्य के आधार पर होती है और जो दोषी हैं, उन्हें जेल जाना होगा।

वहीं, टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनके खिलाफ कानून कड़ी कार्रवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं।

इधर, टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं। यह आदेश अनिवार्य था। सुप्रीम कोर्ट ने न्याय विचार कर ही यह आदेश दिया है।

बता दें, बंगाल में जब से शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार का पर्दापाश हुआ था। उसके चलते न्यायाधीश अभिजीत गांगुली सुर्खियों में हैं। उन्होंने शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार से लेकर नगरपालिका भर्ती भ्रष्टाचार सहित कई मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। उसके बाद पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी सहित टीएमसी के कई नेता गिरफ्तार हुए हैं।