शिक्षक भर्ती घोटाला: सीबीआई ने अदालत में किया खुलासा

बिना लिखे उत्तर पुस्तिका जमा देकर बन गए सरकारी शिक्षक!

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कोलकाताः कोई बिना कुछ लिखे रिक्त उत्तर पुस्तिका जमा देकर सरकारी शिक्षक बन जाए, ऐसा कहीं देखा है आपने? ये कैसा गड़बड़झाला है?

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश भी यह जानकर हैरान हो गए। शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई के दौरान इसकी जांच कर रही सीबीआई ने अदालत में यह खुलासा किया। सीबीआई ने बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नई-नई बातें सामने आ रही हैं।

जांच में पता चला है कि 150 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने खाली उत्तर पुस्तिका जमा की थी और उन सभी को शिक्षक की नौकरी मिली है। सीबीआई ने बताया कि स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) ने नौवीं और दसवीं में शिक्षकों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी।

पांच सदस्यीय कमेटी की सिफारिशों के आधार पर कई लोगों को नौकरी मिली। बहुत कम अंक वाले कई लोगों को भी नौकरी मिली है। जिनके नाम बहुत बाद में थे, उन्हें भी नौकरी मिली है।

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न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने कहा कि इस घोटाले के कारण योग्य लोगों को नौकरी नहीं मिली और अयोग्य लोग शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मेरिट लिस्ट में नाम पैसे लेकर शामिल किए गए, जिन्हें ज्यादा अंक मिले हैं, उन्हें नौकरी नहीं मिली।

गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी अब तक 150 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है और कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसमें मुख्य रूप से बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, एसएससी के पूर्व चेयरमैन सुबीरेश भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मानिक भट्टाचार्य और एसएससी की सलाहकार कमेटी के सदस्य शांति प्रसाद साहा मुख्य हैं।