खूंटी में गरीबों की अतिरिक्त आय का बेहतरीन जरिया है जंगल के जामुन

- इस बार हुआ है जामुन का बंपर उत्पादन

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खूंटी : आम, कटहल के साथ ही इस वर्ष जामुन का भी खूंटी जिले में भरपूर उत्पादन हुआ है। फलों में सबसे गुणकारी माने जानेवाले रसीली जामुन की हर ओर भरमार है। साप्ताहिक हाट हो, डेली मार्केट हो हर जगह जामुन नजर आ रह हैं। जग आप किसी भी पक्की सड़क से गुजरेंगे, तो रोड कि बच्चे, बुढ़े और महिलाएं जामुन बेचती नजर आ जाती हैं। हर रेलवे स्टेशन में भी जामुन की अच्छी बिक्री होती है। जिले के तोरपा, मुरहू, अड़की, कर्रा, रनिया, अड़की, के लावा खूंटी के ग्रामीण इलाकों में इस वर्ष जामुन का बंपर उत्पादन हुआ है। खूंटी, तोरपा, तपकारा, रनिया, सैको, अड़की, जलटंडा, जम्हार सहित अन्य साप्ताहिक हाटों में रांची, पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के व्यापारी जामुन की खरीदारी करने पहुंचते हैं।

 

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खूंटी ही नहीं सिमडेगा, गुमला, चाईबासा सहित अन्य जिलों के ग्रामीण और जंगली इलाकों में रहने वाले गरीबों के लिए अतिरिक्त आय का एक अच्छा जरिया हैं रसीले जामुन। आमतौर पर जामुन के पेड़ों पर किसी का मालिकाना हक नहीं होता, यह पूरे समाज का माना जाता है। इसलिए इन इलाकों में जामुन तोड़ने की कहीं रोक नहीं है। लोग पेड़ों पर चढ़कर जामुन तोड़ते हैं और बाजार में बेचते हैं। तोरपा डेली मार्केट में जामुन बेचने वाली एक महिला कहती है कि हर रोज तीन-चार सौ का जामुन वह बेच लेती है। इसमें कोई पूंजी नहीं, सिर्फ मेहनत लगती है, इसलिए पूरा परिवार ही जामुन तोड़ने में लग जाता है। जामुन बेचने वाले बताते हैं कि जामुन के पेड़ खेतों में नहीं होते, इसलिए वे जंगल जाकर जामुन तोड़ते हैं और बाजार लाते हैं।

 

खूंटी और सिमडेगा के जामुन की मांग अच्छी है: मो इरफान

खूंटी की शुक्रवार साप्ताहिक हाट में थोक दाम में जामुन खरीदने के लिए रांची से आये मो इरफान और अन्य व्यापारी बताते हैं कि खूंटी जिले के जामुन रांची, रामगढ़, बक्सर, गया, सासाराम सहित अन्य क्षेत्रों में भेजे जाते हैं। इस समय जामुन की कीमत लगभग 20 से 25 रुपये प्रति किलो है।

 

स्वास्थ्य के लिए जामुन सबसे बढ़िया फल है जामुन: बुधु गोप

जामुन के औषधीय गुणों के संबंध में तोरपा के जानेमाने बैद्य और सेवानिवृत्त शिक्षक बुधु गोप बताते हैं कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जामुन से अच्छा कोई सस्ता फल नहीं है। यही एक फल है, जिले डायबिटिज से लेकर अन्य रोगों से पीड़ित कोई भी रोगी ख सकता है। उन्होंने कहा कि जामुन का उपयोग डायबिटिज, गठिया, दस्त, पेचिस, सहित कई बीमारियों में लाभकारी है। उन्होंने कहा कि जामुन खाने से पांचन तंत्र भी मजबूत होता है। वैद्य बुधु ने बताया कि अन्य फलों को अत्याधिक मात्रा में खानेे से उसके दुष्परिणाम होते हैं, पर जामुन का कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि जामुन के बीज भी औषधि का भंडार है। इसे सूखाकर रखा जाता और कई रोगों में इसका प्रयोग होता है।