अपराधियों ने खरसावां विधायक दशरथ गागरई के भाई के ड्राइवर को बंदूक की नोंक पर धमकाया

केरा मेला में शुक्रवार को खरसावां विधायक दशरथ गागरई के भाई के ड्राइवर को बंदूक की नोंक पर कुछ अपराधियों ने धमकाने का प्रयास किया।

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खरसावां : केरा मेला में शुक्रवार को खरसावां विधायक दशरथ गागरई के भाई के ड्राइवर को बंदूक की नोंक पर कुछ अपराधियों ने धमकाने का प्रयास किया। दशरथ गगराय के भाई डॉ. विजय सिंह गगराय पीपुल्स वेलफेयर सोसायटी के सचिव हैं। बताया गया है कि उनको ढूंढ़ते हुए  कल कई हथियारबंद और नकाबपोश अपराधी पहुंचे। इस घटना की जानकारी विजय सिंह ने पत्रकार वार्ता करके दी है। उन्होंने बताया कि केरा मेला में उनके पीपुल्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा निशुल्क शरबत वितरण शिविर लगाया था। हम सुबह 9 बजे से वहां सेवा दे रहे थे। हमने करीब 7 हजार लोगों को निशुल्क शरबत पिलाया। करीब 1:30 बजे मेरे वाहन चालक का मुझे फोन आया उसने मुझे पूछा आप कहां हैं। मैने कहा मैं तो मेले में हूं। तभी उसने मुझे तुरंत वहां से निकलने को कहा और बताया कि कुछ हथियारबंद अपराधी मुझे ढ़ूढ़ने वहां पहुंचे थे।

 

मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है

इस मामले को लेकर उन्होंने  आगे कहा कि मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मुझे नहीं पता कि कोई मेरे साथ ऐसा क्यों करेगा। इतनी बड़ी मेले में मेरे ड्राइवर के कनपटी पर बंदूक रखकर यह पहुंचना की बताओ तुम्हारा बॉस कहा है।मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ऐसा कैसे हो सकता है। मैंने प्रशासन से लिखित शिकायत की है। मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है। उन्होंने आगे कहा, मैं किसी ऐसे शख्स को नहीं जानता, जिसे मुझसे कोई नफरत हो। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। न ही यह किसी का प्रचार कर रहा हूं। मैं अपना काम करता हूं और करता रहूंगा।शुक्रवार को खरसावां विधायक दशरथ गागराई के भाई सह पीपुल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉ विजय सिंह गागराई को खोजते हुए हथियारबंद नकाबपोश कई अपराधी पहुंचे थे। उनकी गाड़ी फुलवारी मैदान में खड़ी कर ड्राइवर मुखलाल हेंब्रम बैठा था। अपराधियों ने उसकी कनपट्टी पर बंदूक सटाते हुए पूछा -बोस (डॉ विजय सिंह गागराई) कहां है? वहीं मोबाइल फोन बंद रखकर इंतजार करने को कहा। इसका पता चलते ही डॉ विजय सिंह गागराई मेला से भाग गये। दशरथ गागराई तुरंत चक्रधरपुर थाना पहुंचे। थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। इधर, थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर जांच चल रही है। डीआइजी अजय लिंडा ने कहा कि अपराधी नक्सली नहीं होंगे। थाना को लिखित देने पर जांच होगी। स्थानीय अपराधी ही होंगे।