रांची : शहरों के कोलाहल से दूर प्रकृति के बीच रहने की सोच अब धीरे धीरे लोगों के मन में उभरने लगी है, अब भी गांव में रहने वाले लोगों का रुख शहरों की ओर है, लेकिन शहरों में वर्षों से रहने वाले लोग प्रकृति के बीच रहने के उपाय ढूंढने लगे है, आर्थिक रूप से सम्पन्न घराने के लोग शहरों के नजदीक फॉर्म हाउस बना अपना सपना पूरा कर लेते हैं, लेकिन हर किसी के लिए यह संभव नहीं है.ऐसे लोगों को ध्यान में रख कर ही रांची के एक प्रमोटर ने मध्यम वर्गी लोगों के लिए राजधानी रांची से कुछ दूर प्रकृति के बीच रहने का सपना पूरा करने का बीड़ा उठाया है.
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मड फॉर्म हाउस से होगा सपना पूरा
रांची के प्रमोटर ने बताया कि राजधानी के रिंग रोड से महज दो किमी दूर नामकुम इलाके के मयूर वन में पहाड़ और जंगल के बीच फॉर्म हाउस बनाया जा रहा है, 10 डिसमिल जमीन में 350 स्केवायर फिट में तीन कमरों का घर बनेगा, इसकी खासियत यह है कि ये मकान छड़, सीमेंट, कंकरीट से नहीं बनेंगे, बल्कि सैकड़ो साल पहले जिस तरह लोग प्राकृतिक संसाधनों से घर बनाते थे, ठीक उसी तरह मिट्टी, चुना, गोबर, सुरखी, नीम के पानी से यह घर बनेगा, इसलिए इसका नाम मड फॉर्म हाउस दिया गया है, इसकी क़ीमत फिलहाल 35 लाख तक लगाया जा रहा है.
ओल्ड ऐज होम और पार्क की भी सुविधा
इस मड फॉर्म हाउस में एकाकी जीवन जीने वाले बुजुर्गों के लिए ओल्ड ऐज होम भी बनाया जाएगा, साथ ही पार्क की भी सुविधा होगी, कोरोना में ऑक्सीजन का महत्व हर किसी की समझ में आया, यहाँ ऑक्सीजन का लेबल 98 प्रतिशत है, जिससे स्वास्थ्य के लिहाज से बीमार और बुजुर्गों के लिए काफ़ी बेहतर है, इतना ही इस फॉर्म हाउस में ढेकी का कुटा लाल चावल और कोल्हू का पैरा हुआ सरसों का तेल भी मिलेगा. राजधानी निवासी संतोष दीपक ने कहा कि यह बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट है, लोग पक्के और फ्लैट वाली मकानों में रहने से उबने लगे हैं, इसलिए मिट्टी के घर का ऐसा कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है, जो शहर के बीच भी है और प्रकृति के भी बीच है.