जीवनदायिनी कहलाने वाली रोरो नदी का अस्तित्व है संकट में

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संतोष वर्मा

चाईबासा : चाईबासा शहर से सटे रोरो नदी का हाल बेहाल हो रहा है. यदि समय रहते प्रशासन इस पर हस्तक्षेप नहीं करता है तो आने वाले दिनों में नदी, तालाब का अस्तित्व ही मिट जायेगा. लोगों को पानी के लिये तरसना पड़ेगा. रोरो नदी से ही पूरे शहर में पानी आपूर्ति होती है. लेकिन फिलहाल जीवनदायिनी कहलाने वाली रोरो नदी का अस्तित्व खतरे में है. यहां जलकुंभी भर गया है. सफाई नहीं होने से नदी में कचरों का अंबार है. पानी का जलस्तर भी कम हो चुका है. इसी तरह चाईबासा के मंगला हाट के पास स्थित जोड़ा तालाब की भी स्थिति बदहाल है. शहर के सौंदर्य पर दाग तो लगा ही है. ठीक इसी प्रकार अब रोरो नदी में जिस तरह से जलकुंभी की वृद्धि हो रही है उससे शहर के सौंदर्य पर सिर्फ दाग नहीं, पूरी नदी की प्राकृतिक सौंदर्यता ही समाप्त होती नजर आ रही है. यह नदी सिर्फ शहर की ही नहीं कई गांवों का पीने का पानी का आधार के रूप में जीवनदायिनी और एक मात्र सहारा है.

 

  • जोड़ा तालाब की स्थिति भी बदहाल, नदी में जलकुंभी की हो रही वृद्धि

 

अतिक्रमण के कारण नदी संकीर्ण हो गई है : विप्लव सिंह

विपल्व सिंह ने बताया कि साफ सफाई का अभाव, अतिक्रमण के कारण रोरो नदी अति संकीर्ण हो गयी है, लेकिन सरकार इस पर गंभीर नहीं है. शहर की जीवदायिनी नदी है. इस नदी के पानी से कई परिवार चलता है. इसका अतिक्रमण भी किया जा रहा है, लेकिन इसे अभी तक रोका नहीं गया है. सरकार की लापरवाही का ही नतीजा है कि आज पूरी नदी में जलकुंभी भर गया है. जोड़ा तालाब की सफाई तक नहीं हो रही है. जनप्रतिनिधिगण गम्भीरता से रोरो के लिए जीर्णोद्धार की विशेष योजना लायें.

 

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