विधानसभा सत्र को लेकर राज्यपाल और राज्य सरकार में फिर ठनी
राज्यपाल ने रोकी फाइल, राज्य विधानसभा मंत्री को किया तलब
कोलकाता: इसी महीने से राज्य विधानसभा में मानसून सत्र भी आयोजित होने को है। राज्य सरकार 24 जुलाई से सत्र शुरू करना चाहती है। नियमानुसार, विधानसभा सत्र बुलाने से पहले राज्यपाल की सहमति के लिए फाइल राजभवन भेजी गई थी।
राजभवन सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को फाइल राजभवन भेजी गयी। फिर राजभवन से बुधवार को परिषद के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय के पास फोन आया। कहा कि परिषद मंत्री स्वयं फाइल लेने राजभवन आएं लेकिन वे कलकत्ता में नहीं थे। तब राजभवन की ओर से कहा गया कि अगर परिषद के मंत्री नहीं आ सकते तो राज्य के मुख्य सचिव आएं।
ऐसा हर साल किया जाता है लेकिन इस बार घटना ने अलग मोड़ ले लिया है। राज्यपाल ने फाइल रोक ली है और राज्य विधानसभा मंत्री को राजभवन में तलब किया है। अगर वह किसी कारणवश नहीं आ पाते हैं तो राज्य के मुख्य सचिव को खुद राजभवन आकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिलना होगा। दरअसल, राज्यपाल यह स्पष्ट कर रहे हैं कि अगर उनके आदेशों का पालन नहीं किया गया तो वह राज्य विधानसभा को मानसून सत्र आयोजित करने की अनुमति नहीं देंगे। इसके साथ ही राज्य और राजभवन के बीच टकराव की आशंका पैदा हो गई है।
विधानसभा के सत्र से जुड़े मामलों को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच फाइलें चलती रहती हैं। संसद के बादल सत्र के साथ-साथ, पश्चिम बंगाल विधानसभा का भी हर साल एक छोटा सत्र होता है। इस बार भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है। विधानसभा का सत्र शुरू करने के लिए राज्यपाल की सहमति जरूरी है। सत्र कब और कितने बजे से शुरू होगा इसकी विस्तृत जानकारी के साथ राज्य सरकार से फाइल राजभवन जाती है। फाइल देखने के बाद राज्यपाल सत्र शुरू करने की सहमति देते हैं, यह दस्तूर है लेकिन इस बार मामले में पेंच है। बता दें, 24 जुलाई से सत्र शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। यह सत्र 10-15 दिनों तक चलेगा। कुछ दिन पहले ही राज्य का बजट विधानसभा में पास हुआ था। यह बजट सत्र का विस्तारित चरण है। लेकिन जानकारी सामने आई है कि राजभवन ने अभी तक सत्र शुरू करने की इजाजत नहीं दी है।
इस बार राज्य और राज्यपाल के बीच टकराव विधानसभा सत्र को ‘सहमति’ देने पर केंद्रित है। नतीजतन, 24 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू होगा या नहीं, यह अब तक तय नहीं है। नवान्न के अधिकारियों का दावा है कि राज्य विधानसभा बुलाने में राज्यपाल की सहमति का मुद्दा भी अहंकार की लड़ाई के स्तर पर ले जाया जा रहा है। पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी दे दी गयी है।