रांची : शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सदन में उस वक्त अजीब स्थिति पैदा हो गयी जब सत्तापक्ष की विधायक ने नाम लिए बगैर एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया।
दरअसल , कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पहली पाली के दौरान ज्यादा वक्त अपनी सीट के पास खड़ी रहीं। वह सदन को कुछ बताना चाह रही थीं। लेकिन उन्हें वक्त नहीं मिल रहा है।
जब मौका मिला तो शिल्पी ने कहा कि उन्हें सवाल पूछने से साजिशन रोका जा रहा है। आज एक अधिकारी का सदन में पोल खुलने वाला था। लेकिन मुझे समय नहीं दिया गया।
फोन पर संपर्क करते हैं अधिकारी
शिल्पी नेहा ने कहा कि स्थिति इतनी भयावह है कि सदन से जिस संबंधित अधिकारी के बारे में सवाल पूछती हूं। वो अधिकारी फोन कर संपर्क करने लगते हैं। फोन के जरिये सवाल नहीं पूछने की बात करते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
सवाल पूछने से रोकता है बरही प्रखंड का सीईओ
सदन में उठाये गए मुद्दे का खुलासा विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कर दिया। मीडिया से बातचीत में शिल्पी ने कहा कि बरही प्रखंड का सीईओ मुझे फोन कर सवाल पूछने से मना करता है।
वह मुझे बार-बार फोन कर रहा था। एक साजिश के तहत मुझे सदन में भी सवाल पूछने से रोका गया। हालांकि मैं रुकने वाली नहीं हूं। जनहित का सवाल करती रहूंगी।
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