मां-बाप के इकलौते संतान ने लगाई फांसी, 40 हज़ार के मोबाइल लेने की थी जिद
इकलौते बेटे के इस तरह चले जाने से माता-पिता सदमे में हैं
बोकारो : मोबाइल फोन की लत कितनी खराब हो सकती है, इसके कई उदाहरण हैं. मोबाइल फोन की लत के कारण लोगों की जिंदगी बिगड़ती जा रही है. कई लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं. नाबालिग बच्चों का नशा इस कदर होता है कि वे अपनी जान देने से भी नहीं हिचकिचाते. ताजा मामला बेरमो का है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बेरमो के 16 नंबर जारंगडीह निवासी सीसीएल कथारा वाशरी के कर्मचारी राजेन्द्र राय का इकलौता पुत्र हिमांशु कुमार (19 वर्ष) ने मोबाइल खरीदने की जिद पर अपनी मां के पास रखी नींद की गोलियां खा ली. आनन-फानन में पिता पड़ोसियों की मदद से उसे सीसीएल कथारा क्षेत्रीय अस्पताल ले गए. लेकिन प्राथमिक उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. वहीं इस घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
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मृतक की मां कई वर्षों से मानसिक रूप से बीमार है
डॉ. बीके झा ने बताया कि नींद की अधिक गोलियां लेने की वजह से ऐसा हुआ है. घटना रविवार रात की बताई जा रही है. इधर, इकलौते बेटे के इस तरह चले जाने से माता-पिता सदमे में हैं. उधर, सूचना मिलने पर मृतक के पिता के सहकर्मी व अन्य लोगों ने पहुंचकर शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया. घटना को लेकर बोकारो थर्मल की पुलिस परिजनों से पूछताछ कर रही है. पिता ने बताया कि बेटा करीब 40 हजार रुपए का महंगा मोबाइल खरीदने की जिद कर रहा था. ऐसे में उसे समझाते हुए उसने इतना ही कहा कि अभी तुम पढ़ रहे हो, अभी के लिए 15-20 हजार रुपए का मोबाइल खरीद लो, भविष्य में जरूरत पड़ी तो महंगे मोबाइल के साथ-साथ बेहतर पढ़ाई के लिए लैपटॉप भी खरीद लिए जाएंगे. लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा हुआ था. इसी बीच उसने मां के पास रखी नींद की गोलियां खा लीं. मृतक की मां कई वर्षों से मानसिक रूप से बीमार है, उसे डॉक्टर से परामर्श कर नींद की गोलियां दी जाती हैं.