महिलाओं की भूमिका एक दिए की तरह, जो खुद प्रज्वलित होकर पूरे समाज में फैलाती है प्रकाश

नर्सिंग कॉलेज में महिला दिवस समापन समारोह संपन्न

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चाईबासा : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा महिला दिवस सप्ताह अभियान के अन्तर्गत जिले के तीनों अनुमंडलों में क्रम से आयोजित किए जा रहे विधिक जागरूकता कार्यक्रम के अन्तिम दिवस पर सदर अस्पताल स्थित नर्सिंग कौशल कॉलेज में प्रथम और द्वितीय वर्ष की नर्सिंग छात्राओं के बीच महत्वपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ।

समाज में महिलाओं की भूमिका एक दिए की तरह

मुख्य वक्ता के रूप में प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने उपस्थित छात्राओं को बताया कि प्राधिकार द्वारा महिलाओं के हित में कई कार्य किए जा रहे हैं, किसी भी महिला को प्राधिकार के द्वारा निशुल्क सहायता दिए जाने का प्रावधान है, भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका एक दिए की भांति होती है, जो खुद प्रज्वलित होकर पूरे समाज में प्रकाश फैलाती है , कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के बारे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रत्येक सरकारी या गैर सरकारी कार्यालय में एक आंतरिक कमेटी का गठन किया जाता है, जहां लोग इन समस्याओं को उस कमेटी के सामने रख सकते हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विकास दोदराजका ने भी नर्सिंग छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक काल में शिक्षा सर्वाधिक मजबूत आधार है, जिसके माध्यम से समाज में सम्मानित स्थान हासिल किया जा सकता है। एक शिक्षित महिला समाज के विकास के महत्वपूर्ण कड़ी है, जो दो परिवारों के साथ साथ समाज को भी शिक्षित करती है।

नई कीर्तिमान गढ़ रही हैं महिलाएं 

महिलाओं में अधिकार की अलख जगाने वाली भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती आज 10 मार्च के दिन मनाई जा रही है, उन्होनें 174 वर्ष पूर्व ही महिलाओं के लिए विद्यालय खोल शिक्षा की नींव रख दीं थीं, आज उसकी चमक दिखलाई पड़ रही है जब समाज में महिलाएं अपने विकास की ओर अग्रसर है और नई कीर्तिमान गढ़ रही हैं।
एलएडीसी के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र दास ने छात्राओं को प्राधिकार द्वारा प्रदत की जा रही है विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दिया।उन्होंने लोगों को बताया डायन बताकर किसी की हत्या करना या डायन का आरोप किसी पर तंज कसना कानूनन अपराध है। नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाध्यापिका सिस्टर जेंसी ने भी इस मौके पर कहा की समाज में महिलाओं से हो रही है छेड़खानी और उत्पीड़न के विरुद्ध महिलाओं को स्वयं सजग होना चाहिए ऐसे कृत का विरुद्ध आवाज उठाना चाहिए और “ना” बोलकर उसका विरोध दर्ज करना चाहिए। इस मौके पर छात्राओं ने जिज्ञासा पूर्वक कई सवाल पूछे जिसका वक्ताओं ने समुचित उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया, साथ ही छात्राओं को नालसा थीम का गीत भी दिखाया गया। इस मौके पर पीएलवी मोहम्मद शमीम और रेनू देवी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम को सफल बनाने में पीएलवी सुमन गोप, संजय निषाद, रविकांत ठाकुर, अरुण विश्वकर्मा आदि ने प्रमुख भूमिका निभाई।

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