आसनसोल भगदड़ मामला : शुभेंदु पर प्राथमिकी दर्ज करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में खारिज

अब तक 3 लोगों की मौत

171

कोलकाता: बंगाल के आसनसोल में बुधवार शाम एक बहुत दुखद घटना घटी। दरअसल, आसनसोल में कंबल वितरण का एक कार्यक्रम हुआ था। कार्यक्रम में देखते ही देखते भगदड़ मच गई जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यह कार्यक्रम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी द्वारा आयोजित की गई थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने शुभेंदु अधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया था लेकिन कार्यक्रम में भगदड़ के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है।

याचिका खारिज हो जाने के बाद राज्य सरकार को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को उचित दिशा-निर्देशों के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट जाने की छूट दी है।

कुणाल घोष ने उठाए सवाल
आसनसोल में कंबल वितरण कार्यक्रम में मची भगदड़ से तीन लोगों की मौत हो गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस कार्यक्रम में दिग्गज भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी भी मौजूद थे और उनके वहां से जाने के बाद ही उक्त घटना हुई। मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा नेता शुभेंदु कुछ दिनों से यह दावा कर रहे थे कि 12, 14 व 21 दिसंबर को कुछ बड़ा होनेवाला है। कुछ घटने वाला है। ऐसे में सवाल है कि वह आसनसोल में हुई घटना की बात कर रहे थे क्या? कहीं शुभेंदु की 14 दिसंबर की डेडलाइन यही तो नहीं थी।

कार्यक्रम के लिए नहीं ली गयी थी अनुमति, होगी जांच : सीपी
अब इस पूरे मामले पर पुलिस ने जांच करना शुरू कर दिया है। पुलिस आयुक्त सुधीर कुमार नीलकांतम ने कहा कि इस कार्यक्रम की अनुमति पुलिस से नहीं ली गयी थी। विपक्ष के नेता आ रहे हैं इसकी जानकारी थी। उसी हिसाब से पुलिस की तैनाती थी। शिव चर्चा की और कंबल वितरण की कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं थी। घटना कैसे हुई? कौन जिम्मेदार है? इसकी जांच जारी है। पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई की जायेगी। इन्हीं सब के बीच पुलिस आयुक्त के साथ जिलाधिकारी एस. अरुण प्रसाद ने जिला अस्पताल पहुंच कर घायलों का हाल-चाल जाना है।

नहीं थी सही व्यवस्था
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कंबल वितरण कार्यक्रम में 5 हजार कंबल बांटे जाने थे। ऐसे में लोगों को नियंत्रण करने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। इस कारण वहां भगदड़ मच गई। बताया गया है कि कार्यक्रम स्थल पर बहुत कम संख्या में पुलिसकर्मी और सिविक वॉलिंटियर थे।