विश्व के ये 3 मंदिर हैं काले जादू के लिए मशहूर….

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ब्यूरो रांची : भारत में ऐसी कई जगह हैं, जो काला जादू के लिए मशहूर हैं, लेकिन अब उन मंदिरों के बारे में जानिए, जहां काला जादू कराया जाता है, यही नहीं इसमें से एक मंदिर ऐसा भी है, जहां लोग अपने सिर से काला जादू उतरवाने के लिए आते हैं। आप को आज मैं उन्ही मंदिरों के बारे में बताने जा रही हूं। हम सभी असामान्य गतिविधियों, काला जादू, प्रेतवाधित स्थानों, भूतों की कहानियों और ऐसे कई विषयों पर हमेशा दिलचस्पी दिखाते आए हैं। बचपन से ही हमें ऐसी स्टोरीज और टीवी पर दिखाई जाने वाली घोस्ट सीरीज में रुचि रही है। लेकिन असल में अगर आपको इस तरह की चीजें दिखाई दें, या पता चलें तो हम सभी डर जाते हैं और यही सोचते हैं कि क्या सच में ऐसा होता है? लेकिन कुछ चीजें हैं, जो असल में होती हैं, हम बात कर रहे हैं टोना-टोटका की। जी हां, भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां जादू-टोना किया जाता है, और कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जहां ऐसी चीजें काफी ज्यादा पॉपुलर हैं। चलिए आपको उन मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां जादू-टोना कराया जाता है।

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1.प्रत्यंगिरा देवी और काला जादू :

प्रत्यंगिरा देवी हिंदू शास्त्र में सर्वशक्तिमान देवी हैं। वह आदि शक्ति का एक उग्र रूप हैं और कहा जाता है कि उनका ये अवतार भय पैदा करता है। उन्हें अक्सर एक शेर-सिर वाली और भयंकर दिखने वाली देवी के रूप में वर्णित किया जाता है। उन्हें शत्रुओं का नाश करने वाला कहा जाता है, यही कारण है कि उन्हें काले जादू से भी जोड़ा जाता है। प्रत्यंगिरा देवी से जुड़े तमिलनाडु में चार मंदिर हैं, जहां उनकी पूजा के साथ-साथ काला जादू भी होता है। इन मंदिरों में देवी अलग-अलग रूप में स्थापित हैं।

 

2.अय्यावादी मंदिर :

यहां उनकी प्रतिमा को 18 हाथों के साथ सिंह-मुखी वाले अवतार में रखा गया है। मंदिर बहुत प्रसिद्ध है, क्योंकि ये एक ऐसा गांव में स्थित है, जिसका इतिहास रामायण इतिहास से जुड़ा हुआ है। मंदिर अय्यावाड़ी गांव में स्थित है, जो कुंभकोणम से छह किलोमीटर दूर है। गांव के नाम के पीछे एक दिलचस्प तथ्य है। महाप्रत्यंगिरा देवी की पूजा करने आए पांच पांडव भाइयों के लिए ये गांव रुकने का पॉइंट था। उन्होंने उसकी पूजा करने के लिए अपने सभी हथियार एक पेड़ के नीचे रख दिए, और इसलिए गांव का नाम ऐवर पाडी पड़ा, जो समय के साथ अय्यावादी में बदल गया।

3.सोलिंगनल्लूर :

क्या आपने तमिलनाडु के काले जादू के मंदिरों में से एक सोलिंगनल्लूर मंदिर के बारे में सुना है? यह मंदिर लोगों पर लगे काले जादू से छुटकारा पाने के लिए प्रसिद्ध है। महाप्रत्यंगिरा देवी को महाशक्ति का अवतार कहते हैं। जब राजा हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु के भक्त को मारने के लिए जा रहे थे, तो भगवान विष्णु ने राक्षस राजा को मारने के लिए नरसिंह अवतार का रूप धारण किया। मारने के बाद, नरसिंह क्रोध से भर गए, क्योंकि राक्षस का खून उनकी प्यास को नहीं भुजा पा रहा था। चीजें नियंत्रण से बाहर हो गईं, नरसिम्हा खून से लथपथ हो गए और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। फिर भगवान शिव ने शेर के चेहरे और चील के पंखों के साथ सरबेश्वर का अवतार लिया और नरसिंह को रोकने के लिए महा शक्ति ने प्रत्यंगिरा देवी का अवतार लिया। कहा जाता है कि महा प्रत्यंगिरा देवी सरबेश्वर के पंख पर विराजमान थीं, उस दौरान महाप्रतांगिरा देवी का अवतार इतना भयावह था कि नरसिंघ डर के कारण शांत हो गए। इस मंदिर में उनका अवतार उग्र रूप में दिखाया गया था, यही नहीं ये मंदिर काला जादू हटाने के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। काले जादू से परेशान कई लोग इससे छुटकारा पाने के लिए यहां आते हैं। ये तमिलनाडु के काला जादू वाले मंदिरों में से एक है।