Demonetisation of 2000 rupees note : ये नोटबंदी है फायदेमंद, जानिए क्या है इसकी वजह

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कोलकाता/डेस्क : भारत में 500 और 1000 के नोटों पर पाबंदी पहली बार 8 नवंबर 2016 को किया गया था। वहीं अब 7 साल बाद सरकार ने 2000 रुपये के गुलाबी नोटों के सर्कुलेशन को बंद करने का ऐलान कर दिया है। जहां लोग सरकार के इस फैसले से परेशान हैं वहीं पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. कृष्णामूर्ति सुब्रमणियम ने सरकार के इस फैसले को सही बताया है। उन्होंने इसे सही बताने के पीछे 6 खास वजह बताई है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के बड़े नोट को बंद करना उचित कदम है।

आईये, एक-एक कर जानते हैं कि वह कौन 6 वजह है जो इस नोटबंदी को सही फैसला बताता है।

1. पूर्व CEA ने कहा कि कई जगहों पर छापेमारी होने पर 2000 के नोट बड़ी मात्रा में बरामद होते हैं। ऐसे में इन नोटों का सर्कुलेशन बंद होने से इनका गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

2. 2000 के नोट का सर्कुलेशन बंद होने से गरीब या आम लोगों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। ऐसा इसलिए है कि क्योंकि आम जनता इन बड़े नोटों का इस्तेमाल आम तौर पर नहीं के बराबर करती है।

3. 2000 के नोट का इस्तेमाल पहले से ही नहीं कर रहे हैं। इस दिनों लोग ज्यादातर डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

4. आने वाले समय में साल 2026 तक डिजिटल पेमेंट 3 गुना तक बढ़ जाएगी। लोग फिजिकल करंसी रखना काफी हद तक कम कर देंगे।

5. इन दिनों बाजारों में भी 2000 के नोट के बजाए लोग 500 रुपये का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं।

6. वजह है कि सरकार ने फ़िलहाल 2000 के नोट को लीगल टेंडर के इस्तेमाल के लिये वैध बताया है। हालांकि, ये सिर्फ 30 सितंबर तक ही रहेगा। इसके बाद इन नोटों को पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा।

इसीलिये RBI ने लोगों को 4 महीने का समय दिया है। इससे यह होगा कि लोगों को पिछले बार की तरह लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा। लोग आसानी से बैंक में जाकर नोट बदलवा सकेंगे। इसीलिये आपको इस नोटबंदी से परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।