नई दिल्ली : कांग्रेस ने एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) को रविवार को ‘फर्जी’ बताते हुए कहा कि यह चुनावों में धांधली को सही ठहराने के लिए ‘जानबूझकर किया गया प्रयास’ और ‘इंडिया’ गठबंधन के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा खेले जा रहे ‘मनोवैज्ञानिक खेल’ का हिस्सा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को ‘मोदी मीडिया पोल’ बताया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी के लोकसभा सांसदों के साथ एक बैठक के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘‘इसे एग्जिट पोल नहीं कहा जाता बल्कि इसका नाम ‘मोदी मीडिया पोल’ है। यह मोदी जी का पोल है, यह उनका काल्पनिक पोल है।’’ यह पूछने पर कि ‘इंडिया’ गठबंधन को कितनी सीट मिलेंगी, इस पर गांधी ने कहा, ‘‘आपने सिद्धू मूसेवाला का ‘295’ गीत सुना है? इसलिए 295 सीट।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘नयी सरकार’ के 100 दिवसीय एजेंडे की समीक्षा करने के लिए एक लंबा विचार-मंथन सत्र आयोजित करने समेत कई बैठकों के लिए भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह नौकरशाही तथा प्रशासनिक तंत्र को एक संकेत भेजने के लिए ‘दबाव बनाने का तरीका’ है कि वह सत्ता में लौट रहे हैं। रमेश ने यहां एआईसीसी मुख्यालय में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सब दिमाग का खेल है – ‘मैं लौट रहा हूं, मैं फिर से प्रधानमंत्री बनने जा रहा हूं।’ वह नौकरशाही, देश के प्रशासनिक तंत्र को एक संकेत भेज रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि निष्पक्ष मतगणना की जिम्मेदारी संभालने वाले लोक सेवक दबाव बनाने के इन हथकंड़ों से डरेंगे नहीं।’’ उन्होंने कहा कि शनिवार शाम को आया एग्जिट पोल ‘‘पूरी तरह फर्जी’’ है और ‘‘उस व्यक्ति द्वारा गढ़ा गया है जिसका चार जून को सत्ता से बाहर होना तय है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह निवर्तमान प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और निवर्तमान गृह मंत्री (अमित शाह) द्वारा खेले जा रहे मनोवैज्ञानिक खेल का हिस्सा है। निवर्तमान गृह मंत्री ने कल 150 जिला मजिस्ट्रेट और जिलाधिकारियों से बात की। एग्जिट पोल के जो नतीजे हैं उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।’’ एग्जिट पोल में शनिवार को अनुमान जताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीत मिल सकती है। एग्जिट पोल की आलोचना करते हुए रमेश ने कहा कि कुछ राज्यों में राजग को उस राज्य में उपलब्ध सीटों की संख्या से अधिक सीट दी गयी है।
रमेश ने कहा, ‘‘इंडिया ‘जनबंधन’ के दलों ने कल मुलाकात की, हमने राज्यवार विश्लेषण किया और ‘इंडिया’ जनबंधन को किसी भी कीमत पर 295 से कम सीट नहीं मिलेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह धांधली को सही ठहराने का जानबूझकर किया गया प्रयास है, यह ईवीएम में छेड़छाड़ को सही ठहराने का जानबूझकर किया गया प्रयास है और यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं और ‘इंडिया’ जनबंधन के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने का भी मनोवैज्ञानिक तरीका है। हम डरने वाले नहीं हैं और आप देखेंगे कि चार जून को असली परिणामों में इन एग्जिट पोल के मुकाबले जमीन-आसमान का अंतर होगा।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ये राजनीतिक एग्जिट पोल हैं न कि पेशेवर तरीके से किए एग्जिट पोल हैं। रमेश ने कहा कि कांग्रेस कोषाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अजय माकन ने उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) के पास बैठने की अनुमति न दिए जाने का मुद्दा उठाया है। रमेश ने कहा, ‘‘उन्होंने (माकन) यह मुद्दा उठाया है, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कुछ प्रतिक्रिया मिली है लेकिन मामले की सच्चाई यह है कि उन्होंने (माकन) उम्मीदवारों द्वारा जतायी वैध आशंकाओं के आधार पर यह मुद्दा उठाया है। हमने डाक मतपत्रों की गिनती और निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली को बदलने के प्रयास का मुद्दा उठाया है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के समक्ष ऐसे सभी मुद्दे उठाए हैं और पिछले 77 दिन में उसने 117 शिकायतें दर्ज करायी है जिनमें से 14 प्रधानमंत्री के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग की ओर से कोई विश्वसनीय कार्रवाई नहीं की गयी है। यह एक संवैधानिक निकाय है और हम उससे निष्पक्ष, पेशेवर तरीके से काम करने की उम्मीद करते हैं।’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘हमने डाक मतपत्र मुद्दे पर निर्वाचन आयोग से मिलने का वक्त मांगा है। हम उम्मीद करते हैं कि हमें निर्वाचन आयोग से वक्त मिलेगा जिसे सभी राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध रहना चाहिए और सत्तारूढ़ पार्टी की एक विस्तारित शाखा के रूप में काम नहीं करना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री द्वारा रविवार को की जा रही बैठकों पर रमेश ने कहा, ‘‘सभी दिमाग का खेल है, सच्चाई यह है कि निवर्तमान गृह मंत्री 150 जिला मजिस्ट्रेट और जिलाधिकारियों से बात कर रहे है, सच्चाई यह है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री अपनी तथाकथित योजना पर सचिवों से बात कर रहे हैं। उन्हें 100 दिवसीय योजना की जरूरत है कि वह चार जून के बाद क्या करेंगे।’’ लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना चार जून को होगी।