नन्हा नेपाल भारत में कर रहा अतिक्रमण, सीमा पर ग्रामीणों के साथ तनाव

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बिहार : धूर्त चीन के बाद नन्हा नेपाल भी भारत के साथ रंगबाजी करने पर उतर आया है। नेपाल बिहार से सटे तमाम क्षेत्र में धीरे-धीरे जमीन हथिया रहा है। जबकि, भारत सरकार का दावा है की सीमा पर सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ा दी गई है। जिससे सरहद सुदृढ़ हो गया है। बता दे की ऐसी कोई ठोस बात दिखाई नहीं दे रही। तमाम चौकसी के बाद भी उत्तर बिहार के जिलों में भारत नेपाल सीमा के नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण है यह स्थिति कमोबेश पूर्वी चंपारण सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों में है।

अतिक्रमण पर सब की ओर से भेजे गए इनपुट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के गृह विभाग से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे है। सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज, सुरसंड, परिहार, सोनबरसा बैरगनिया प्रखंडो में 50 से अधिक जगहों पर अतिक्रमण है। बैरगनिया गौर सीमा पर नो मैन्स लैंड पर मंदिर बनाने के साथ तीन दर्जन से अधिक किसान खेती कर रहे है। परिहार में कुछ जगहों पर फूस की दुकानें व मवेशी के लिए स्थल बने हैं।

पिछले दिनों सीमावर्ती जिलों के जनप्रतिनिधियों, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के अलावा ‘एसएसबी के पदाधिकारी व नेपाल आर्म्स पुलिस फोर्स के अधिकारियों की हुई बैठक में मंदिरों को नो मेंस लैंड से बाहर अधिष्ठापित करने का निर्णय लिया गया था। परिहार सीओ प्रभात ने बताया कि गृह विभाग के निर्देश के बाद जहां अतिक्रमण है, भूमि की मापी कराई जा रही है।

बरसात समाप्त होते ही अतिक्रमण हटाया जाएगा। पूर्वी चंपारण के रक्सौल प्रखंड क्षेत्र में 65 स्थलों पर अतिक्रमण चिह्नित किया गया है। अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए एसएसबी 47वीं बटालियन ने अंचल कार्यालय को पत्र दिया है। इससे जिला मुख्यालय, रक्सौल अनुमंडल को भी अवगत कराया गया है। अंचलाधिकारी विजय कुमार का कहना है कि एसएसबी ने जानकारी दी है। स्थायी और अस्थायी निर्माण करनेवालों को नोटिस दिया गया है।

जल्द अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। मधुबनी में बासोपट्टी, जयनगर, हरलाखी, मधवापुर में भी एक दर्जन जगहों पर अतिक्रमण है। बासोपट्टी के प्रभारी अंचलाधिकारी राजीव रंजन कुमार का कहना है कि सभी राजस्व हलका कर्मचारियों को एक सप्ताह के भीतर नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसके बाद हटाया जाएगा।

मालूम हो कि बीते वर्ष गृहमंत्री जब किशनगंज के दौरे पर आए थे, तब नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी। उनके आदेश पर एसएसबी ने छह महीने पहले रिपोर्ट भेजी थी। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्य मुख्यालय से मिले निर्देश पर प्रशासनिक स्तर से कार्रवाई शुरू हुई। विशेष सचिव गृह विभाग द्वारा जारी पत्र के आलोक में डीएम ने अतिक्रमण हटाने को कहा था। इसके बाद मापी कर कई जगहों से अतिक्रमण हटाया गया है।

 

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