गुप्त मतदान कर प्रत्याशी चुनने को लेकर भिड़े टीएमसी समर्थक
टीएमसी समर्थकों ने किया मतपेटी को टुकड़े-टुकड़े
कूचबिहार : बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दो महीने के लिए जनसंपर्क यात्रा पर निकले हैं। मंगलवार से कूचबिहार से इसकी शुरुआत हुई है।
इस दौरान पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों का गुप्त मतदान के जरिए चयन करना है, लेकिन मंगलवार को शुरुआत के पहले दिन ही मतपेटी रखी गयी थी, लेकिन स्थानीय टीएमसी समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। टीएमसी समर्थकों की भीड़ ने मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े कर दिये और आपस में भिड़ गये।
बता दें, अभिषेक बनर्जी मंगलवार को साहेबगंज विधानसभा इलाके के पंचायत उम्मीदवारों के लिए मतपेटी रखवाई थी। अभिषेक बनर्जी ने बताया कि गुप्त मतदान में पसंदीदा उम्मीदवार का नाम दर्ज किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक मतपेटी टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव नेता अभिषेक बनर्जी के मंच के ठीक पीछे रखी गई थी, लेकिन अभिषेक के जाते ही मंच के पीछे लगी मतपेटी टूट गई।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मतपेटी कैसे तोड़ी गई ? स्थानीय लोगों का कहना है कि मतपेटी को लेकर टीएमसी के दो गुट भिड़ गये और धक्का-मुक्की होने लगी। इस दौरान ही मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े उड़ गये।
उल्लेखनीय है कि इस दिन मतपेटी में अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम जमा कराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती थी।
लेकिन भीड़ के कारण मतपेटी टूट गई ? या इसके पीछे कोई और वजह है ? इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इस बीच मतपेटी टूटी होने से आम लोगों का गुस्सा देखने को मिला है।
दूसरी ओर, टीएमसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह समर्थकों के उत्साह के कारण हुआ है। फिर से बुधवार को मतदान की व्यवस्था की जाएगी।
बता दें, अभिषेक बनर्जी ने दिनहाटा के साहेबगंज फुटबॉल मैदान में बैलेट बॉक्स के माध्यम से पसंदीदा पंचायत उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन अभिषेक के मंच से नीचे उतरने के बाद मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े उड़ गये।
पसंदीदा प्रत्याशी के नाम की घोषणा से पहले ही मतपेटी टूट गई। नतीजतन, यह ज्ञात है कि उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में भाग लेने आये कुछ लोग नाराज हो गये हैं।
गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी ने मंच मतपेटी लगवाई थी। कहा गया था कि भीड़ में लाइन लगाकर मतपेटी में अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम दर्ज नहीं करा सकते हैं। जिनके नाम नहीं थे। उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थे।
अभिषेक ने मंच से एक फोन नंबर के बारे में बताया था। ऐसे में जो मतपेटी में मतदान नहीं कर सकते हैं, वे घर लौटने पर ग्राम पंचायत का नाम, बूथ का नाम और सीट नंबर का उल्लेख करते हुए पसंदीदा उम्मीदवार के नंबर पर कॉल कर सकते हैं लेकिन इस दिन अचानक मतपेटी के चिथड़े-चिथड़ उड़ गये।