कोलकाता: केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषणा कर दी कि बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को राष्ट्रीय पार्टी की सूची से हटा दिया गया है। इसके बाद, अब टीएमसी आगामी 10 वर्षों तक राष्ट्रीय पार्टी नहीं बन पाएगी, क्योंकि आयोग ने 2016 से जो नए नियम लागू किए हैं उसके अनुसार, देश की राष्ट्रीय पार्टी की सूची अब हर 10 साल में तैयार की जाती है। ऐसे में अगली सूची 2033 या उसके बाद आएगी।
अगर उस नियम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है, तो टीएमसी को अगले 2 लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ना होगा। भले ही इस दौरान वह राष्ट्रीय पार्टी बनने की शर्त पूरी कर भी लेती है, तो दर्जा नहीं मिल पाएगा।
आयोग के निर्णय के खिलाफ टीएमसी कोर्ट जाने के बारे में सोच रही है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।
टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन मामले की समीक्षा की जा रही है।
सौगत ने कहा कि कुछ भी ठीक नहीं हुआ। हालांकि, किसी भी पार्टी के लिए सुप्रीम कोर्ट का रास्ता हमेशा खुला रहता है। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट जाएंगे और कानून के हिसाब से इससे निपटेंगे।
अब सवाल ये है कि टीएमसी कोर्ट में क्या दलील देगी ? बंगाल की सत्ताधारी पार्टी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, अभी इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की बातों को महत्व मिल रहा है।
बता दें, साल 2016 में चुनाव आयोग ने हर 5 साल के बजाय हर 10 साल में राष्ट्रीय दलों की नई सूची प्रकाशित करने का फैसला किया था। यह निर्णय अगस्त 2016 में घोषित किया गया था। सितंबर 2016 में टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था। तदनुसार, अगली सूची 2026 में प्रकाशित होने वाली थी, लेकिन यह अप्रैल 2023 में प्रकाशित हुई है यानी टीएमसी को सिर्फ 7 साल के लिए राष्ट्रीय पार्टी रहने का मौका मिला है।
हालांकि, क्या टीएमसी इस दलील के साथ कोर्ट जा पाएगी, इस पर भी असमंजस है, क्योंकि चुनाव आयोग ने सोमवार को टीएमसी की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म करने की सूचना प्रकाशित की है, जो अदालत जाने की राह में दीवार है।
इसमें बताया गया है कि टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 2 सितंबर 2016 को मिला था, लेकिन यह एक जनवरी 2014 से प्रभावी था। इस तरह टीएमसी की राष्ट्रीय पार्टी होने के 10 साल पूरे हो गए हैं।
अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2014 से टीएमसी नेशनल पार्टी क्यों बनी थी ? बताया गया है कि 2014 से पहले 2011 के बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक, टीएमसी को बंगाल की स्टेट पार्टी का दर्जा प्राप्त था।