सपने में भी 200 सीट नहीं जीत पायेगी टीएमसी : दिलीप घोष

पहले पंचायत और लोकसभा चुनाव जीत कर दिखाएं टीएमसी

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कोलकाता : बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा विधानसभा में 240 सीटों पर जीत हासिल करने के दावे का कटाक्ष किया है।

घोष ने कहा कि सपने में भी टीएमसी 200 सीट जीत नहीं पाएगी। इसलिए टीएमसी पहले लोकसभा चुनाव तो जीत कर दिखाएं, उसके बाद विधानसभा चुनाव की बातें आती हैं।

बता दें, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने उत्तर बंगाल के दौरे के दौरान रविवार को दावा किया था कि साल 2026 में फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनेगी और टीएमसी 294 सीटों में से 240 सीटों पर जीत हासिल करेगी।

सोमवार को मॉर्निंग वॉक के दौरान प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पहले पंचायत चुनाव जीते। साल 2024 में लोकसभा जीत तक दिखाएं। फिर देखते हैं कि पार्टी चलती है या नहीं। पिछली बार एक दर्जन हारे थे।

यदि वह इस बार एक दर्जन से अधिक खो देंगे, तो तो देखते हैं कि पहले पार्टी रहेगी या नहीं। उसके बाद विधानसभा चुनाव की बात आती है।

टीएमसी में अब्दुल करीम के साथ विरोध पर घोष ने कहा कि तृणमूल शुरू से ही कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। कुछ लोग एक दूसरे के स्वार्थों के पीछे भागते हुए साथ आ गये हैं।

उन्होंने पार्टी को पैसे दिए। ममता बनर्जी ने कभी अन्याय के विरोध में जिन लोगों की पार्टी शुरू की थी, वे अब पार्टी में महत्वपूर्ण नहीं रह गये हैं. वरिष्ठ नेता मायूस हैं।

दिलीप ने कहा, वह पार्टी पुलिस और गुंडों के बिना नहीं चलेगी। वहां कोई सज्जन नहीं रह सकता है। अब स्थिति हाथ से निकल चुकी है। उन्होंने कहा, अब्दुल करीम को सत्तारूढ़ पार्टी में जाने के लिए किसने कहा था ? वह भी बीजेपी से हाथ मिलाना चाहते थे। मुझे सत्ता चाहिए, मुझे पद चाहिए, मुझे आजादी भी चाहिए।

घाटाल से टीएमसी सांसद देव के भाई के आरोप पर टिप्पणी करते हुए दिलीप ने कहा कि देव के भाई जैसे हजारों लोगों के नाम काटे जा चुके हैं। उन्हें किसने अधिकार दिया ? गरीबों की किसी ने नहीं सुनी।

हमने नाम खोजे और उन्हें दिल्ली भेज दिया। मैंने खुद ऐसे नामों का एक समूह भेजा है। ऐसे एक नाम नहीं, ऐसे हजारों नाम हैं, जिन्हें घर नहीं दिया गया है।
अभिषेक बनर्जी के एक लाख लोगों को लेकर दिल्ली जाने की धमकी पर बीजेपी नेता ने कहा कि उनके पीछे चार लोग नहीं हैं।

वह एक लाख कहानी सुना रहे हैं। उन्होंने उत्तर बंगाल में पार्टी की हालत देखी है। अपनी ही पार्टी के लोगों को नहीं संभाल सकते है। पार्टी स्तर पर निर्वाचित नहीं किया जा सकता है। उनकी सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें हैं।