तमिल सिनेमा के फेमस एक्टर और राजनेता एमजीआर का आज जन्म दिन है

एमजीआर की आज 106वीं बर्थ एनिवर्सरी है।

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मुंबई ।  तमिल सिनेमा के बेहद फेमस एक्टर मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन या एमजीआर की आज 106वीं बर्थ एनिवर्सरी है। एमजीआर एक एक्टर होने के साथ-साथ एक राजनेता भी थे। एमजीआर को काफी परोपकारी कहा जाता था और इन्हें इनके फैंस भगवान की तरह पूजते थे।

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एमजीआर 1977 से 1987 में अपने निधन तक तमिलनाडु के सीएम के तौर पर काम करते रहे थे। एमजीआर की पॉपुलैरिटी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब कभी भी वो बीमार पड़ते तो अस्पताल के बाहर इनके फैंस की भीड़ उमड़ पड़ती थी। यही नहीं उनकी मौत पर कई लोगों ने सुसाइड तक कर ली थी।

बता दें कि एमजीआर का बचपन गरीबी में बीता लेकिन एमजीआर में कुछ कर गुजरने का जुनून था। उन्होंने एक्टिंग में अपना करियर बनाने की सोची और उनकी गाड़ी चल पड़ी। उनकी कई फिल्में उस समय सुपर-डुपर हिट हुईं और एमजीआर देखते ही देखते फैंस के दिलों में बस गए। वो आम जनता के हीरो थे और लोग उन्हें मसीहा मानकर पूजने लगे थे। एमजीआर ने कभी सिगरेट शराब को भी हाथ नहीं लगाया। बताया जाता है कि उनकी इमेज इतनी पावरफुल थी कि डायरेक्टर उनके हिसाब से फिल्में बनाते थे।

एमजीआर की दीवानगी इस कदर थी कि तीन शादियां कर चुके एमजीआर को जयललिता भी दिल दे बैठी थीं। वहीं एमजीआर भी काम करते हुए जयललिता पर फिदा हो गए थे। एक बार दोनों थार रेगिस्तान में शूटिंग के लिए गए तो वहां रेत इतनी गर्म थी कि जयललिता उसपर चल नहीं पा रही थी। अब ये बात एमजीआर से देखी नहीं गई और उन्होंने झट से जयललिता को अपनी गोद में उठा लिया था। जयललिता ने खुद इस बात का जिक्र किया था।

इसके बाद एमजीआर और जयललिता के रिश्ते ने काफी सुर्खियां बटोरी, हालांकि दोनों के बीच कई मनमुटाव भी हुए। फिर भी कुछ वक्त बाद एमजीआर ने जयललिता को पार्टी के प्रोपेगेंडा सचिव के साथ साथ राज्यसभा का सदस्य भी बना दिया,लेकिन लोगों ने इसका काफी विरोध किया जिसकी वजह से उन्हें प्रोपेगेंडा सचिव के पद से हटाना पड़ा था।

तमिल सिनेमा में अपनी एक्टिंग का जादू चलाने के बाद 1953 में एमजीआर ने राजनीति का रूख किया। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ा और विधायक बन गए। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्रा कड़गण(AIADMK) बनाई और देखते ही देखते राजनीति में भी वर्चस्व पर पहुंच गए और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो गए। हालांकि 1984 में एमजीआर काफी बीमार हो गए उनकी किडनी फेल हो गई थी। इसके बाद इलाज के लिए उन्हें न्यूयॉर्क भेजा गया, इस दौरान हजारों फैंस ने टेलिग्राम लिखकर उन्हें अपनी किड़नी देनी की बात भी कही। खैर न्यूयार्क से ठीक होकर एमजीआर इंडिया लौटे और तीसरी बार तमिलनाडु के सीएम बने।

बता दें कि 24 दिसंबर 1987 को एमजीआर ने इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। उनकी मौत की खबर से पूरे तमिलनाडु में मातम पसर गया। उनके 30 फैंस ने तो सदमे में अपनी जान तक दे दी थी। वहीं उनके अंतिम संस्कार में भी 12 लाख लोगों की भीड़ पहुंची थी।