कोलकाता/नयी दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से दूरी बनाने की बात सीधे तौर पर स्वीकार कर चुकी है। तृणमूल शिविर किसी भी हाल में कांग्रेस को विपक्ष का ‘बिग बॉस’ मानने से इनकार कर रही है।
तृणमूल सांसद सुदीप बनर्जी ने शुक्रवार को बैठक के बाद इसकी घोषणा की थी। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का दावा है कि अगर तृणमूल बचना चाहती है तो उसको कांग्रेस की शरण में आना ही होगा।
उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी की पार्टी दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस से दूरी बना रही है। इस संदर्भ में उन्होंने भाजपा और तृणमूल के पुराने संबंधों की भी याद दिलायी। अधीर ने पत्रकारों से कहा कि तृणमूल के लिए दो रास्ते खुले हैं। या तो कांग्रेस के पैर पकड़े या मोदी के सामने आत्मसमर्पण करना होगा।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ बन रहे विपक्षी गठबंधन में तृणमूल को आमंत्रित किया गया है।
राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोलते हुए सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तृणमूल ने मोदी को एक पत्र में लिखा है कि विपक्ष का साथ देगा तो सीबीआई-ईडी की जांच बढ़ेगी। इसलिए तृणमूल, कांग्रेस से हाथ नहीं मिला रही है। गौरतलब है कि शुक्रवार को कालीघाट में तृणमूल नेताओं के साथ ममता की एक बैठक हुई थी।
इस बैठक के बाद सासंद सुदीप बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि तृणमूल देश की दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में काम करेगी। इस मौके पर राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि हमारे पास इसे अकेले करने की ताकत है।
तृणमूल का दावा है कि केंद्र में मोदी का विरोध करने के बावजूद कांग्रेस ने राज्य में बीजेपी से हाथ मिला लिया है, इसलिए वे कांग्रेस से दूरी बनाना ही बेहतर समझते हैं।