तृणमूल विधायक इदरीश अली का निधन, सीएम ने जताया शोक
विधानसभा में स्पीकर सहित कई विधायकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की
कोलकाता, सूत्रकार : तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद और विधायक इदरीश अली का शुक्रवार तड़के निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर और उम्र जनित बीमारियों से पीड़ित थे। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 73 वर्ष के थे।
उनके निधन से तृणमूल खेमे में शोक छाया हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इदरीश की मौत पर शोक व्यक्त किया और दिवंगत विधायक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। इदरीश के परिवार ने उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को ही पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान में करने की व्यवस्था की।
उधर उनका पार्थिव शरीर विधानसभा में लाया गया, जहां विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी सहित कई विधायकों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी मौत पर स्पीकर ने गहरा दुख व्यक्त किया।
इदरीश मुर्शिदाबाद की भगवानगोला सीट से विधायक थे हालांकि, कोविड से संक्रमित होने के कारण उन्हें 2021 के विधानसभा चुनाव में प्रचार करते नहीं देखा गया था। इसके बावजूद उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को हराकर एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।
उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक, कोविड से संक्रमित होने के बाद इदरीश का शरीर कमजोर हो गया था। उन्हें चलने में भी दिक्कत हो रही थी। राज्य विधानसभा के बजट सत्र में वह एक दिन के लिए भी शामिल नहीं हो सके थे।
इदरीश ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। उन्हें कांग्रेस के भीतर सोमेन मित्रा के ”करीबी” के रूप में जाना जाता था। वह सोमेन का हाथ पकड़कर कांग्रेस से तृणमूल में आये थे। 2011 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मुर्शिदाबाद की जलांगी सीट से तृणमूल ने उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह जीत नहीं सकें।
2014 में राज्य की सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। तब इदरीश ने भारी अंतर से जीत हासिल की। हालांकि, 2019 में उन्हें टिकट नहीं मिला। तदुपरांत, उन्हें उलुबेरिया पूर्व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में नामांकित किया गया था। तब इदरीश जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने उन्हें भगवानगोला सीट से उम्मीदवार बनाया था।
एक राजनेता होने के अलावा, इदरीश ने अपने पेशेवर जीवन में कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में भी प्रसिद्धि हासिल की। इसके अलावा, उनका पारिवारिक बेकरी का व्यवसाय था। उन्हें 2007 में एक बार गिरफ्तार किया गया था। वह कथित तौर पर विरोधियों को बुरा भला कहने के लिए भी कई बार सुर्खियों में रहे।