अब तृणमूल पर लगा सरकारी पेड़ को काटकर बेचने का आरोप

भांगर विधानसभा की है घटना

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सत्ता पर बैठी तृणमूल की सरकार के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। अब इसी क्रम में तृणमूल सरकार पर सरकारी पेड़ों को काटने और बेचने का आरोप लगा है। भांगर विधानसभा केंद्र में इन दिनों नहर के जीर्णोदधार का काम चल रहा है। स्थानीय सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि स्थानीय जमीनी नेता नहर के जीर्णोद्धार के प्रभारी ठेकेदार कंपनी के साथ मिलकर नहर के पेड़ काट रहे हैं और बेच रहे हैं। अब इसको लेकर पूरे क्षेत्र में गुस्सा है।

यह घटना भांगर के 1 और 2 ब्लॉक में बागजोला-शोनपुर नहर का जीर्णोदधार का काम चल रहा था। ये नहरें उत्तर 24 परगना में कुल्टी तक जाती है और विद्याधारी नदी में मिल जाती हैं। नहरों का लंबे समय से जीर्णोद्धार न होने के कारण न्यूटाउन, साल्ट लेक, भंडार, राजारहाट सहित बड़े क्षेत्र पिछले मानसून के दौरान पानी में डूब गए थे। उसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने नहर जीर्णोद्धार का काम शुरू किया।

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वन विभाग ने कभी पर्यावरण की रक्षा हेतु इस नहर के किनारे कई तरह के पेड़ लगाए थें। जिसमें बबूल, शिरीष, देवदार, यूकेलिप्टस, लंबू सहित विभिन्न प्रकार के पेड़ थे। नहरों के मरम्मत के दौरान उन पेड़ों को काट कर बेचा जा रहा है। आरोप है कि जमीरगाछी से गबतला तक बागजोला-शोनपुर पर लगे खलपर के पेड़ों को काटकर बेच दिया गया। कोरलबेरिया, बेनोटा, भोजेरहाट क्षेत्र में भांगर कटखल के पास सरकारी पेड़ भी काटे जा रहे हैं।

अब स्थानीय लोग इसके विरोध में उतर आए हैं। आरोप लगा रहे हैं कि खालपर के पेड़ काटे जा रहे हैं। अगर इसी तरह पेड़ों की कटाई चलती रही तो जिस उद्देश्य के लिए यह काम तालाब के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है वह उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। इसके अलावा स्थानीय लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन भी इस प्रकार के अवैद्ध काम को मौन होकर देख रहा है और जमीनी स्तर के नेता अपने हितों की पूर्ति के लिए पेड़ों को बेचकर अपनी जेब भरने के लिए नहर के जीर्णोद्धार का अवसर ले रहे हैं।