कम मजदूरी मिलने से परेशान मजदूरों नें किया विरोध-प्रदर्शन

13 घंटे लिया जा रहा है काम 

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चाईबासा : स्कूलों मिड डे मील बना कर उपलब्ध कराने वाली संस्था अन्ना अमृत संस्था में कार्यरत मजदूर प्रबंधक की प्रताड़ना और न्यूनतम मजदूरी दर से भी कम मजदूरी मिलने से परेशान हैं ।उनका आरोप है कि उनसे 12 से 13 घंटा काम लिया जाता है।्र

इसकी शिकायत उन्होंने उपायुक्त कार्यालय में की है। शुक्रवार को अपनी शिकायत ले कर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे डेढ़ दर्जन मजदूरों ने बताया कि अन्नामृत संस्था में लगभग 70 से 80 महिला एवं पुरुष पिछले 4 महीने से कार्यरत है। पूर्व में उनलोगों को यह कहकर काम में लिया गया था कि उनलोगों को 270 रुपाया की हाजिरी दी जाएगी 1 2 से 3 महीने बाद सरकार के दर के अनुरूप मजदूरी दर दिया जाएगा एवं पीएफ काटा जाएगा,

परंतु संस्था द्वारा 150 रुपाया दैनिक मजदूरी दिया जा रहा है. सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ड्यूटी लिया जाता है । जिन्होंने भी मजदूरी दर को लेकर शिकायत किया है, उन्हें मैनेजर हेमंत सिंह द्वारा काम से हटा दिया जाता है। महिलाओं को रूम में बुलाकर मानसिक प्रताड़ना दिया जाता है। महिलाओ को लंच के लिए समय नहीं दिया जाता। मजदूरों ने बताया कि यहाँ पर कार्यरत सभी लोग परिवारिक मजबूरी वस कार्य कर रहे है एवं इस मजदूरी दर में परिवार चलाना असंभव है ।

उपायुक्त से कि गई थी मानले कि शिकायत

पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा जिला स्कूल स्थित प्रधानमंत्री के द्वारा चल रहे पोस्टिक आहार योजना को स्कुलों तक पहूंचाने वाला सेंट्रल किचेन में कार्यरत्त मजदुरों के साथ अन्नामृत सेवा संस्था मे 12 से 13 घंटा काम लेने लिए जाने को लेकर मजदुरों नें उपायुक्त से शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग कि गई है।इस सबंध में मजदुरों का कहना है कि हमलोग अन्नामृत संस्था में जो मिड डे मिल बच्चों को भोजन उपलब्ध कराती है ।

हमलोग लगभग 70 से 80 महिला एवं पुरुष पिछले 4 महीने से कार्यरत है। पूर्व में हमलोगों को ये कहकर काम में लिया गया था कि आपलोगों को 270 रु की हाजरी दी जाएगी एवं 2 3 महीने बाद आपलोगों को सरकार के अनुरूप मजदूरी दर दिया – जाएगा एवं पीएफ काटा जाएगा परंतु संस्था द्वारा 150/- रु दैनिक मजदूरी दर दिया जा रहा है।

सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक ड्यूटी लिया जाता है। जिन्होंने भी मजदूरी दर को लेकर शिकायत किया है उन्हें मेनेजर हेमंत दीप सिंह द्वारा काम से हटा दिया जाता है एवं महिलाओं को रूम में बुलाकर मानसिक प्रताड़ना दिया जाता है। महिलाओ को लंच के लिए भी समय नहीं दिया जाता है। यहाँ पर कार्यरत सभी लोग परिवारिक मजबूरी वस कार्य कर रहे हैं एवं इस मजदूरी दर में परिवार चलाना असंभव है ।उपायुक्त से अनुरोध किया हे कि इस विषय में जाँच कर उचित कार्यवाही करने की मांग की गई थी।

 

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