नये चुनाव आयुक्त को लेकर राज्यभवन-नवान्न के बीच खींचतान

बिना राज्य चुनाव आयुक्त के राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय

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कोलकाता : राज्य चुनाव आयुक्त सौरभ दास का कार्यकाल रविवार को समाप्त हो गया। राज्य चुनाव आयुक्त एक संवैधानिक पद है। सामान्य तौर पर यह शून्य नहीं होना चाहिए, लेकिन सोमवार को यह पद खाली रहा। राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय बिना राज्य चुनाव आयुक्त के रहा।

इधर, नये राज्य चुनाव आयुक्त को लेकर राज्य की ममता बनर्जी की सरकार और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच खींचतान अभी खत्म नहीं हुई है। नये आयुक्त की नियुक्ति तब तक नहीं हो सकती, जब तक राज्यपाल सीवी आनंद बोस फाइल पर साइन नहीं कर देते।

राज्य सचिवालय नवान्न ने सबसे पहले राज्य चुनाव आयुक्त पद के लिए सेवानिवृत्त आईएएस राजीव सिन्हा का नाम राजभवन भेजा था। बाद में अतिरिक्त मुख्य सचिव अजीत रंजन वर्धन का नाम भेजा गया। हालांकि अभी तक राज्यपाल ने किसी भी नाम पर सहमति नहीं जतायी है।

सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल यह सवाल राज्य से जानना चाहते थे कि राज्य सरकार राजीव सिन्हा को ही क्यों राज्य चुनाव आयुक्त बनाना चाहती है। फिर राज्य सरकार ने दूसरा नाम भेजा, लेकिन इसके बाद भी राज्यपाल किसी नाम पर सहमत नहीं हुए।

हालांकि कुछ अन्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों के नामों पर राज्य सरकार ने विचार किया है, लेकिन राज्यपाल निजी कारणों का हवाला देते हुए राज्य के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते थे।

बता दें, राज्य में अगले जुलाई में पंचायत चुनाव होने की संभावना है। चुनाव का ऐलान जल्द हो सकता है। इसलिए राज्य चुनाव आयुक्त के साथ राज्य की चर्चा जरूरी है। ऐसे में चुनाव आयुक्त का पद ज्यादा दिनों तक खाली नहीं रहेगा।