कोलकाताः शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप में रविवार को सीबीआई ने प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और विधायक माणिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल और नीलाद्रि घोष को गिरफ्तार कर लिया।
यह गिरफ्तारी निस्संदेह भर्ती भ्रष्टाचार मामले में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि तृणमूल के युवा नेता कुंतल घोष की गिरफ्तारी से जो तथ्य सामने आए हैं, उनमें से अधिकांश में तापस ने जांचकर्ताओं को सुराग दिए हैं।
तापस से बार-बार पूछताछ करने पर जांचकर्ताओं को लगा कि भले ही तापस ने दिन के उजाले में नौकरी का एक हिस्सा ‘चोरी’ का पर्दाफाश कर दिया, लेकिन वह एक हिस्सा अंधेरे में छिपा रहा था।
गिरफ्तारी के बाद तापस और नीलाद्रि घोष को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में तापस का नाम था। कई बार तापस से पूछताछ की गयी थी, लेकिन हर बार उसके बयानों में विरोधाभास पाया गया था।
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सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि एक बार फिर तापस को सुबह करीब 11 बजे सीबीआई ऑफिस में तलब किया गया था। वह समय से सीबीआई कार्यालय पहुंचे।
सीबीआई के अधिकारियों ने उससे करीब तीन घंटे तक मैराथन पूछताछ की। उसके बाद शाम को 4.30 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, भर्ती भ्रष्टाचार मामले में एक अन्य एजेंट नीलाद्रि घोष, जिसका नाम बार-बार कुंतल घोष के मुंह से सुना जाता है, उसको भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मॉडस ऑपरेंडी
यहां बता दें कि आरोप है कि कुंतल शिक्षकों की भर्ती के लिए जो रुपये लेते थे, उसको नीलाद्रि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के पीए को पहुंचा देता था।
नीलाद्रि का नाम तापस ने भर्ती भ्रष्टाचार के पैसे के लेन-देन के रुप में लिया था। नीलाद्रि ने कुंतल और तापस से पैसे की मांग की थी। उसने पूछताछ में कहा था कि कुंतल ने उसे छह लाख रुपये दो किश्तों में दिए थे।
नीलाद्रि एक एजेंट के रूप में काम करता था। इसी मामले में कोर्ट से फटकार मिलने के बाद सीबीआई ने इसी सप्ताह चंदन मंडल को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के बाद चंदन से लगातार पूछताछ की गयी तो लगभग 10 एजेंटों के नाम सामने आये थे। उन एजेंटों से भी सीबीआई के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद तापस मंडल ने कहा कि उसे नहीं पता कि क्यों गिरफ्तार किया गया है। बताया कि जब भी सीबीआई या ईड़ी के अधिकारी इस मामले में पूछताछ के लिए तलब किये तब मैं आया और उनको हर संभव पूछताछ में सहयोग किया। उसके बाद भी मेरी गिरफ्तारी समझ के परे है।