वज्रपात से नाबालिग समेत दो लोगों की मौत
जानकारी के अनुसार कटवा के कोशीग्राम में कटे धान के पानी में डूबे हुए हैं। ओलावृष्टि से पके धान को भी काफी नुकसान हुआ है। किसान धान को पानी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। जूट और तिल के खेतों को भी भारी नुकसान का खतरा है।
बर्दवान : वज्रपात के कारण नाबालिग समेत दो लोगों की मौत हो गई। वहीं चार लोग घायल हो गए। उक्त घटना शुक्रवार को पूर्व बर्दवान के भातार और मंगलकोट में हुई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार भातार के महता गांव निवासी बड़कू कलसा (38) अपने साथियों के साथ खेत में धान की कटाई कर रहा था। दोपहर होते-होते गर्जन के साथ बारिश शुरू हो गई। इस दौरान वज्रपात से बड़कू घायल हो गया। उसे गुस्करा अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं मंगलकोट के पिलशुआ गांव में आंधी के दौरान आम के बगान में आम तोड़ते समय वज्रपात से 5 लोग घायल हो गये।
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उन्हें मंगलकोट प्रखंड अस्पताल ले जाया गया जहां आकाश शेख (12) नाम के लड़के को मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा घायल अजय माजी, विजय माजी, रेजिना खातून और यासीन शेख का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके अलावा मंगलकोट के कमलपुर में धान काटकर लौट रही आदिवासी महिला बीरभूम निवासी लक्ष्मी मंडी की भी वज्रपात से घायल हो गयी। फिलहाल वह अब मंगलकोट ब्लॉक अस्पताल में इलाज चल रहा है। बता दें कि गुरुवार और शुक्रवार के बाद राज्य में शुरू हुई कालबैसाखी से पूरे बर्दवान में बोरो धान को भारी नुकसान पहुंचा है।
जानकारी के अनुसार कटवा के कोशीग्राम में कटे धान के पानी में डूबे हुए हैं। ओलावृष्टि से पके धान को भी काफी नुकसान हुआ है। किसान धान को पानी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। जूट और तिल के खेतों को भी भारी नुकसान का खतरा है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि कटवा के ब्लॉक एक में करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर बोरो धान की जमीन ओलावृष्टि से बर्बाद हुई है। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से कोशीग्राम, चुरपुनी, बोरो, खैरहाट मौजा में करीब सौ बीघा जमीन की खेती खराब हो गई है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में बंगाल में वज्रपात से कई मौतें हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर दुख व्यक्त किया है।