कोलकाता में अमित शाह की जनसभा को लेकर बरपा हंगामा

हाईकोर्ट ने दी अनुमति, राज्य सरकार को आपत्ति

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कोलकाता, सूत्रकार : राज्य सरकार ने धर्मतल्ला में होने वाले भाजपा की जनसभा पर आपत्ति जताई है। जहां सत्तारूढ़ तृणमूल ने 21 जुलाई को अपनी जनसभा आयोजित की थी। सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि बीजेपी उसी जगह पर अपनी जनसभा कर सकती है। कार्यक्रम में खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शामिल होने की संभावना है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा ने इस संबंध में कोलकाता पुलिस की आपत्ति पर भी संदेह जताया था।

उन्होंने कहा था कि आजाद देश में कोई भी कहीं भी जा सकता है, बिना कोई कारण बताए बैठक की इजाजत रद्द करना मकसद पर संदेह पैदा करता है। न्यायमूर्ति मंथा के आदेश को चुनौती देते हुए इस बार राज्य ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को है। नतीजतन, बीजेपी के कार्यक्रम को लेकर एक बार फिर अनिश्चितता पैदा हो गई है। बंगाल भाजपा ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और धर्मतल्ला चौराहे पर एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। उनका अनुरोध था कि उन्हें धर्मतल्ला में सीईएससी कार्यालय विक्टोरिया हाउस के सामने बैठक आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री शाह के भी वहां मौजूद रहने की संभावना है। लेकिन जब इस कार्यक्रम के लिए कोलकाता पुलिस को आवेदन दिया गया तो उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी। उन्होंने बिना कोई कारण बताए दो बार बीजेपी की अर्जी खारिज कर दी।

भाजपा ने इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक मामला दायर किया था। मामले की सुनवाई सोमवार को जस्टिस मंथा की बेंच में हुई। जज ने बताया कि बीजेपी उस जगह पर जनसभा कर सकती है। हालांकि, इसके साथ ही जस्टिस मंथा ने कहा कि पुलिस को इसकी इजाजत देनी चाहिए, कोर्ट को नहीं। सुनवाई के दौरान विशेष निरीक्षण में उन्हें यह कहते हुए भी सुना गया कि अनुमति आवेदन बिना कोई कारण बताए दो बार खारिज कर दिया गया है। इससे संदेह पैदा होता है। हमारा देश आज़ाद है, लोग जहाँ चाहें जा सकते हैं। सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए। संयोग से, जगन्नाथ चटर्जी ने 18 अक्टूबर को कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त को ऑनलाइन आवेदन कर धर्मतल्ला में यह बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी थी। उस आवेदन पर बैठक की तारीख 28 नवंबर थी लेकिन उस आवेदन को कंप्यूटर के स्वचालित सिस्टम ने 19 अक्टूबर को खारिज कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने तारीख बदलकर 29 नवंबर को बैठक करने के लिए 6 नवंबर को दोबारा आवेदन किया। वह आवेदन भी इसी तरह खारिज कर दिया गया। एक ही आधार पर दो बार आवेदन कैसे खारिज कर दिया गया? बीजेपी ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इसके पीछे जरूर कोई साजिश होगी।