कर्नाटक में मंगलसूत्र उतरवाने और हिजाब को लेकर बवाल

 कर्नाटक सिविल एग्जाम क्यों सवालों में?

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कर्नाटक में हिंदू छात्राओं ने परीक्षा केंद्र में मंगलसूत्र उतरवाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि परीक्षा देने के लिए उन्हें मंगलसूत्र, बिछिया हटानी पड़ी । जबकि मुस्लिम छात्राओं को चेकिंग के बाद हिजाब पहनकर जाने की अनुमति दी गई, उन्हें भी चेंकिग के बाद उसी तरह अंदर जाने देना चाहिए था।

कर्नाटक में एक बार फिर से हिजाब को लेकर बवाल सामने आया है। यहां लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान हिंदू छात्राओं से मंगलसूत्र उतरवाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि परीक्षा केंद्र में जाने से पहले छात्राओें से न सिर्फ मंगलसूत्र उतरवाए गए बल्कि उनकी गले की चेन, पैरों में पहनने वाली बिछिया, कानों की बालियां समेत सभी गहनों को उतारने का आदेश दिया गया।

हिंदू छात्राओं के साथ किए गए इस व्यवहार ने अब तूल पकड़ लिया है। इस मामले में बीजेपी विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने छात्राओं के साथ हुए इस व्यवहार को लेकर सवाल किया है, कि क्या ये कदम सिर्फ हिंदुओं के लिए ही है, क्या ये नियम हिंदुओं के लिए ही बनाए गए हैं।

हिंदू छात्राओं से उतरवाए गए मंगलसूत्र

इसके साथ सही जिन छात्राओं ने मंगलसूत्र और तमाम गहने उतारने के लिए कहा गया था, उनका कहना है कि परीक्षा केंद्र पर मुस्लिम छात्राएं भी परीक्षा देने आईं थी, जो हिजाब पहने हुए थीं. अधिकारियों ने उन छात्राओं की भी जांच की और उन्हें अंदर जाने की इजाजत दे दी। छात्राओं का कहना है कि उनमें से किसी से भी कुछ उतारने के लिए नहीं कहा गया।

मुस्लिम छात्राओं को हिजाब के साथ मिली इजाजत

हिंदू छात्राओं का कहना है कि हिंदू संस्कृति में मंगलसूत्र नहीं उतारा जाता है, जब जरूरत होती है हम तभी इसे अपने गले से उतारते हैं। छात्राओं ने कहा कि परीक्षा देने के लिए उन्हें मंगलसूत्र, बिछिया हटानी पड़ी। छात्राओं ने कहा कि जैसे मुस्लिम छात्राओं को चेकिंग के बाद हिजाब पहनकर जाने की अनुमति दी गई थी उसी तरह उन्हें भी अंदर जाने दिया जाना चाहिए।

नकल करते पकड़ा गया था कैंडिडेट

बताया जा रहा है कि प्रशासन ने ये कदम परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए उठाया है। दरअसल 4 नवंबर को कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस परीक्षा हुई थी। इस दौरान कुछ छात्र नकल करते पकड़े गए थे। परीक्षा हॉल में छात्र ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे थे।