पुरुलिया में संतों पर हमले के विरोध में विहिप ने कोलकाता में निकाला जुलूस

साधु-संत गेरुआ वस्त्र पहनकर जुलूस में शामिल हुए थे

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कोलकाता, सूत्रकार : पुरुलिया में साधुओं पर हुए हमले की घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को सड़क पर उतरकर विरोध जताया। इस जुलूस में साधु-संतों के साथ समाज के प्रतिनिधि भी शामिल थे। यह जुलूस सुबोध मल्लिक चौराहा से शुरू हुआ जो कि धर्मतल्ला वाई चैनल पर समाप्त हुआ।

इस दिन साधु-संत गेरुआ वस्त्र पहनकर जुलूस में शामिल हुए थे। उनके हाथ में गेरुआ झंडे और पोस्टर थे। इस जुलूस में उन लोगों ने नारे लगाए गए कि राज्य सरकार हिंदू विरोधी है। इसके पुरुलिया में संतों पर हुए हमले के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। वेलिंग्टन से धर्मतल्ला पहुंचने के बाद संतों ने वहां कुछ देर तक विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को एक ज्ञापन सौंपा।

विश्व हिंदू परिषद दक्षिण बंगाल के प्रवक्ता सौरीश मुखोपाध्याय ने कहा कि दुनिया में कहीं भी हिंदू संतों पर किसी भी हमले का विश्व हिंदू परिषद द्वारा विरोध किया जाएगा। पुरुलिया की घटना पुलिस की निष्क्रियता के कारण हुई। उम्मीद है पुलिस असली दोषियों को गिरफ्तार करेगी।

उन्होंने कहा कि यह प्रर्दशन संतों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए है। उधर इस हमले के विरोध में मथुरा में प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी प्रर्दशन किया गया तथा उनका पुतुला फूंका गया।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मकर संक्रांति के मौके पर बंगाल के गंगासागर में स्नान करने जा रहे यूपी के तीन साधुओं को पुरुलिया जिले के काशीपुर क्षेत्र के गौरांगडीह गांव में भीड़ ने निर्वस्त्र कर बुरी तरह से पीटा था।

कुछ स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर पुलिस की मदद से साधुओं को भीड़ से उनकी जान बचाई। सोशल मीडिया पर पिटाई की घटना का वीडियो प्रसारित हुआ था। वीडियो में तीनों साधु हाथ जोड़कर भीड़ से जान बख्शने की गुहार लगाते दिख रहे हैं। हालांकि सूत्रकार सामाचार ने इस वीडियो की पुष्टी नहीं की है।

भीड़ उन्हें पीटते हुए दिखती है, इसी बीच साधु के कपड़े भी खींच लिए जाते हैं, जिससे वो निर्वस्त्र हो जाते हैं। भीड़ में शामिल कुछ लोग साधु का बाल खींचते हुए भी दिखते हैं। पुरुलिया जिला पुलिस ने साधुओं की पिटाई के मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोगों पर बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर साधुओं को घेरकर उन पर हमला करने का आरोप है।