पंचायत चुनाव के बाद भी बंगाल में हिंसा जारी, कहीं बमबारी तो कहीं तोड़फोड़

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पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव में दिनभर हिंसा होने के बावजूद अभी भी हिंसा का तांडव नहीं थमा है। केवल एक दिन की चुनावी हिंसा में करीब 20 लोगों की हत्या की गई है, जबकि पंचायत चुनाव के नामांकन से लेकर अभी तक करीब 40 लोग हिंसा के शिकार हो चुके हैं। पंचायत चुनाव के बाद भी हिंसा का दौर लगातार जारी है। मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज इलाके में रविवार सुबह से ही भारी बमबारी हो रही है।

बताया जा रहा है कि निर्दलीय और तृणमूल समर्थकों के बीच तनाव के बीच बमबारी की गई है। सुबह से ही दोनों पक्षों के बीच हिंसा की खबर है। इसके बाद सूचना पाकर शमशेरगंज थाना की बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। दोनों पक्षों के बीच बमबाजी के साथ-साथ ईंट-पत्थर भी चलने की सूचना है।

इस बीच, भीमपुर थाना क्षेत्र के करसौना गांव के बूथ संख्या 257 पर दो मतपेटी को लेकर पुलिस से तनातनी हुई है। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी। इसमें गट्टा कैंप प्रभारी नीलरतन बाबू समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गये। वहीं, वैष्णवनगर के भगवानपुर इलाके की तृणमूल कार्यकर्ता का शव बरामद किया गया है। मृतक का नाम मतिउर रहमान है। वह भगवानपुर केबीएस इलाके का रहने वाला था। आरोप है कि कांग्रेस के उपद्रवियों ने उनके पेट में धारदार हथियारों से बार-बार वार करके उनकी हत्या कर दी। इसके अलावा इस घटना में 6 अन्य लोग घायल हो गए है।

वहीं मतदान के बाद भी पूर्व बर्दवान में अशांति जारी है। सीपीआईएम और बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मेमारी के निमो 2 नंबर पंचायत के देहुरा में मतपेटियों को दूसरे वाहन में ले जाया गया। विरोध में मतदानकर्मियों के साथ अन्य बूथों के मतपत्र भी रोक दिये गये। मतदाताओं ने गेट पर ताला लगाकर बूथ पर प्रदर्शन किया है। कथित तौर पर जिस वाहन में मतपत्र ले जाया गया था, उसके पीछे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की कार थी। विपक्ष ने उस बूथ पर दोबारा वोटिंग कराने की मांग की है। बाद में रात में पुलिस और केंद्रीय बलों ने जाकर मतदानकर्मियों को बचाया और फंसी मतपेटी को निकाल लिया गया।