भारतीय दर्शन एवं योग को प्रसारित करने में विवेकानन्द की महत्वपूर्ण भूमिकाः राज्यपाल

शिल्पी मेला सह प्रदशनी का हुआ समापन

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रांची : राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि विश्व पटल पर देश को गरिमामय स्थान दिलाने में स्वामी विवेकानंद का नाम सदेव आदर व सम्मान से लिया जाता रहेगा। स्वामी विवेकानंद उन महापुरुषों में से एक है जो अपने दर्शन व विचारों एवं कर्मों से भारत माता को गौरवान्वित करते रहे। उनका व्यक्तित्व व उनके आदर्श देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे।

राज्यपाल आज विकास भारती द्वारा आयोजित शिल्पी मेला सह प्रदशनी का समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि सामाजिक संस्था विकास भारती द्वारा आयोजित ‘शिल्पी मेला सह प्रदशनी का समापन स्वामी विवेकानन्द की जयंती के अवसर पर हो रहा है।

खुशी है कि इस प्रसिद्ध सामाजिक संस्था के स्थापना के 40 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। किसी भी सामाजिक संस्था का इतनी लम्बी अवधि तक क्रियाशील और प्रासंगिक रहना समाज के बीच उसकी विश्वसनीयता स्वीकार्यता का जीता-जागता प्रमाण है।

राज्यपाल ने कहा कि विवेकानंद जैसे महापुरुष मृत्यु के बाद भी जीवित रहते हैं और सदियों तक अपने विचारों और सोच से लोगों को प्रेरित करते रहते हैं। विश्व में भारतीय दर्शन एवं योग को प्रसारित करने में विवेकानन्द की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था यदि आप भारत को जानना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानन्द को पढ़िये। उनमें आप सब कुछ सकारात्मक ही पायेंगे। स्वामी विवेकानंद केवल संत ही नहीं थे बल्कि एक महान विचारक, देशभक्त एवं कुशल वक्ता भी थे। भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के युवाओं के लिए भी उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं।

राज्यपाल ने कहा कि खुशी की बात है कि विकास भारती गुमला जिला के विशुनपुर को केन्द्र मानकर झारखंड के समस्त जनजातीय क्षेत्रों में विविध आयामों के साथ लगातार कार्य करते आ रही है। विकास भारती ने पद्मश्री अशोक भगत के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में इन 40 वर्षों के कालखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में जनमानस के लिए कार्य कर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है।

राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों के विकास के लिये विकास भारती ने एक मॉडल विकसित किया है जिसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, कृषि, आय-सृजन, वन एवं जल संसाधन का संरक्षण, ग्रामीण तकनीक एवं सामाजिक विवेक को समाहित किया गया है। आज हमारे राष्ट्र के पास एक विशाल मानव सम्पदा है, जिसमें अधिक संख्या युवाओं की है इस युवा आबादी में निहित प्रतिभा को विकसित कर एवं उनके कौशल विकास पर ध्यान देकर आर्थिक व सामाजिक विकास किया जा सकता है।

 

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