वृंदा करात को संदेशखाली जाने से रोका गया, फिर मिली अनुमति

करात को संदेशखाली जाते समय धमाखाली नौका घाट पर रोक दिया गया था

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कोलकाता, सूत्रकारः वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेत्री वृंदा करात को पुलिस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसाग्रस्त संदेशखाली जाने से रोक दिया लेकिन बाद में उन्हें क्षेत्र में जाने की अनुमति मिल गई। वह इलाके की महिलाओं से बात करने के लिए रवाना हुई हैं।
करात ने कहा कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदेशखाली में उनकी उपस्थिति से वहां शांति भंग होगी। करात को संदेशखाली जाते समय धमाखाली नौका घाट पर रोक दिया गया था। जहां करात ने संवाददाताओं से कहा, “शांति का उल्लंघन तब हुआ जब महिलाओं को स्थानीय तृणमूल कार्यालयों में बुलाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया, अब यह न्याय की लड़ाई है।”
करात ने कहा कि वह यौन उत्पीड़न की कथित पीड़ितों से मिलना चाहती थीं। उन्होंने कहा, “हमें संदेशखाली जाने से रोकना गलत है और हम इसका विरोध करते हैं। महिलाएं पीड़ित हैं और जो लोग मिलना चाहते हैं, उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा।”
हालांकि बाद में जब पुलिस ने उन्हें जाने की अनुमति दी तो उन्होंने कहा कि हमें अवैध तरीके से रोकने की कोशिश हुई थी। हमने कारण पूछा तो पुलिस वाजिब कारण नहीं बता पाई। बाद में हमें जाने देने के लिए बाध्य होना पड़ा।

हम लोग महिलाओं से बात करेंगे।
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मंगलवार को शुभेंदु अधिकारी को हाई कोर्ट के आदेश पर प्रवेश दिया गया।