क्या मेडल का गंगा में बहाना था केवल ड्रामा? उल्टे पैर वापस लेकर लौटे पहलवान

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रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे पहलवानों ने मंगलवार को हरिद्वार में गंगा में मेडल बहाने का फैसला बदल दिया। उन्होंने अंतराष्ट्रीय मेडलों को गंगा में बहाने की घोषणा पहले ही कर दी थी। बता दें कि इन पहलवानों में मुख्य रूप से साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट शामिल हैं। सभी पहलवानों ने हरिद्वार में हर की पौड़ी में जाकर घाट पर धरना-प्रदर्शन किया। इसी बीच यहां पर किसान नेता नरेश टिकैत पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझाया कि ये सभी मेडल्स देश की शान हैं। उनके समझाने-बुझाने के बाद पहलवानों ने अपने सभी मेडल उनके हाथों सौंप दिए। इसके बाद पहलवानों ने घोषणा की है कि वह इसके बाद दिल्ली के इंडिया गेट पर जाकर धरना देंगे। बता दें कि पहलवान अपने मेडल बहाने के लिए हरिद्वार पहुंचे और वह काफी भावुक हो गए। इस दौरान कई पहलवान गंगा घाट पर बैठकर रोते हुए भी दिखाई दिए। वहां कुछ उन्हें सहारा देते हुए भी दिखे।

इसी बीच हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि पहलवान हरिद्वार में जो चाहे वह करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह गंगा में अपने मेडल को बहाने के लिए आ रहे हैं तो वह उन्हें नहीं रोकेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस विषय में अपने उपर के अधिकारियों से कोई इंस्ट्रक्शन्स नहीं मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि लोग गंगा में सोना, चांदी और अस्थियां तक बहाते हैं। इसी क्रम में पहलवान अपने मेडल्स भी बहा सकते हैं अगर वह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा दशहरा पर करीब 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां आते हैं। इस दौरान पहलवानों का भी स्वागत किया जाता है। बता दें कि पहलवान बीते 23 अप्रैल से WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पहलवानों ने उनपर कई गंभीर आरोप लगाए है। पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों के उत्पीड़न और नाबालिग से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।