इस बार कोई नफरत नहीं, हम सब एक हैं, सभी लोग मिलकर त्योहार मनाए: ममता

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कोलकाता : प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी ने महालया के दिन यानी शनिवार को लोगों के शारदीय नवरात्रि की शुभकामना दीं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के दुर्गापूजा को यूनेस्को से दर्जा मिला है। पूजा के दौरान किसी की बतों पर ध्यान न दें। कई क्या कह रहा है उसे मत सुनिए। किसी के कहने पर कदम मत रखीए। धर्म सबका है, त्योहार सबका है। अच्छे से पूजा कीजिए। अपने क्षेत्र में ही रहीए। इस बार कोई नफरत नहीं, हम सब एक हैं, सभी लोग मिलकर त्योहार मनाए।

शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई पूजा पंडालों का वर्चुअल उद्घाटन कीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि पैर में चोट और इनपेक्शन के कारण वे डॉक्टरों की सलाह पर घर पर हैं। इसलिए इस बार वे पूजा का वर्चुअल उद्घाटन कर रही हैं। उन्होंने पूजा पंडालों का उद्घाटन करते हुए ‘जागो बांग्ला’ उत्सव संख्या की घोषणा की। इस दिन उनकी लिखी एक किताब का भी विमोचन किया गया।

‘जागो बांग्ला’ के महोत्सव अंक के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि  हैप्पी महालया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को शारदीय नवरात्रि की बधाई दीं। जागो बांग्ला के महोत्सव अंक में ‘भाबची’ शीर्षक से ममता बनर्जी की एक कविता प्रकाशित हुई। ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे पास लगभग 135 किताबें हैं। नई पीढ़ी के कई लोग हमारे आंदोलन के बारे में नहीं जानते। उन्हें जानने के लिए ये किताबें खरीदें। तृणमूल का गठन क्यों हुआ, इसका इतिहास जानें।  तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि कविताबितान में 1,000 कविताएं हैं। इसका अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया है। मेरे पास एक किताब है आलोकवर्तिका। इसे छोटे-छोटे शब्दों के माध्यम से लिखा गया है। जीवन में जब भी कोई संकट आए तो इसे पढ़ेंगे तो संकट का समाधान मिल जाएगा। विद्यार्थी, नई पीढ़ी, जो 2001 के बाद या 2010 के बाद पैदा हुए हैं, मैं उनसे इन पुस्तकों को पढ़ने का अनुरोध करती हूं।