पंकज मिश्रा के मामले पर किस एसडीपीओ से पूछताछ करेगी ईडी

टोल प्लाजा टेंडर विवाद में मारपीट का है मामला

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रांचीः कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम और बरहेट विधायक प्रतिनिधी पंकज मिश्रा के खिलाफ दर्ज मामले में दोनों को 24 घंटे में क्लीन चिट देने को लेकर बड़हरवा के एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा ईडी की रडार पर आ चुके है।

सहिबगंज जिले के बहुचर्चित टोल प्लाजा टेंडर विवाद में मारपीट, गाली- गलौज आदि मामले में दर्ज आरोपित मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को क्लीन चिट देने को लेकर एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा से ईडी सोमवार को पूछताछ करेगी।

उन्हें ईडी ने पहले ही समन किया था और 12 दिसंबर को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। इधर , तत्कालीन एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा का ये आरोप है की 22 जून 2020 को दर्ज टेंडर विवाद में मारपीट मामले में प्राथमिकी के दूसरे दिन ही

23 जून 2020 को उन्होंने महज 24 घंटे के अंदर पर्यवेक्षण पूरा करते हुए दोनों प्रमुख आरोपितों को क्लीन चिट दे दी थी। जबकि एसडीपीओ पर आरोप है की उन्होंने तथ्यों की पड़ताल किये बिना ही आनन-फानन में ऐसा कर दिया।

इसी को लेकर ईडी उनसे पूछताछ में ये जानने की कोशिश करेगी की उन्होंने कैसे बड़हरवा टेंडर विवाद का पर्यवेक्षण किया और दोनों को क्लीन चिट दे दी। फोन पर दूसरे पक्ष को धमकाने के मामले में क्या आवाज का मिलान किया गया ?

किया आवाज की जांच के लिए कोई फोरेंसिक जांच के लिए प्रयास किया गया? सीसीटीवी फुटेज की जांच हुई? अगर ऐसा नहीं किया तो पर्यवेक्षण में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई और प्रथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर ही पर्यवेक्षण कैसे पूरा कर लिया गया।

प्रमोद कुमार मिश्रा को ईडी के इन सारे सवालों का जवाब देना होगा। इससे पहले ईडी ने बड़हरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद केस के अनुसंधानकर्ता सरफुद्दीन खान से पूछताछ की थी। जिसमें अनुसंधानकर्ता ने ईडी को बताया कि केस के पर्यवेक्षणकर्ता तत्कालीन बड़हरवा एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी।

इधर. अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत गिरफ्तार पंकज मिश्रा को मदद पहुंचाने के मामले और जेल मैनुअल की धज्जियां उड़ाकर अस्पताल में लोगों के मिलने-जुलने के प्रकरण को ईडी ने गंभीरता से लिया है।

बहुत जल्द इस पूरे प्रकरण में रांची पुलिस और जेल प्रशासन से जवाब तलब की तैयारी है। वही जेल प्रशासन दावा कर रहा है कि न्यायिक हिरासत का बंदी अगर जेल परिसर से बाहर इलाज के लिए जाता है तो जिला प्रशासन सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है।

पंकज मिश्रा को रांची पुलिस से सुरक्षा मिली थी। इसलिए रांची पुलिस को भी अब इस पर जबाव देना होगा। रांची पुलिस केंद्र के सार्जेंट मेजर से प्रेम प्रकाश के घर से दो एके-47 राईफल और 60 कारतूस की बरामदगी मामले में पूछताछ की थी।

जेल मैनुअल की धज्जियां रांची के रिम्स स्थित पेइंग वार्ड में उड़ी है। यहां ईडी के हाथों 19 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद 27 जुलाई से इलाजरत पंकज मिश्रा से कई अधिकारी व नेता मिले हैं और पंकज मिश्रा के निर्देश का पालन भी किए गए हैं।

इसका खुलासा रिम्स से ईडी को मिले सीसीटीवी फुटेज से हुआ है। ईडी ने पिछले दिनों औचक निरीक्षण के दौरान रिम्स के पेइंग वार्ड में पंकज मिश्रा की फोन पर बात कराते हुए उनके दो चालकों सूरज पंडित व चंदन यादव को पकड़ा था। इसके बाद पता चला कि पंकज को रिम्स के पेइंग वार्ड में वह सभी सुविधाएं मिल रही थीं।