बंगाल से बीजेपी किसे देगी राज्यसभा का टिकट

27 फरवरी को राज्यसभा के लिए चुनाव होगा जिसके तहत बंगाल में पांच सीटों से उम्मीदवार चुना जाना है

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कोलकाताः कुछ महीनों में ही बंगाल सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो जाएगा। उससे पहले बंगाल की कुल पांच राज्यसभा सीटों के लिए भी मतदान होना है। विधायकों की संख्या को देखते हुए इनमें से एक सीट पर बीजेपी की जीत तय है। लेकिन बीजेपी किसको इस बार बंगाल से राज्यसभा भेजने वाली है, इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि बीजेपी का कोई भी नेता इस पर अभी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। क्योंकि, अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा। लेकिन अटकलबाजियों का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

पश्चिम बंगाल में 27 फरवरी को बंगाल की पांच राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होगा। आयोग के मुताबिक, देश के 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। पिछले साल जुलाई महीने में छह सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुए थे। उस वक्त बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर सबको चौंका दिया था। बीजेपी ने राजबंशी समुदाय से आने वाले अनंत महाराज को अपना उम्मीदवार बनाया था। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व फिर कुछ उसी तरीके की सरप्राइज देना चाहता है।

 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कई नामों के बीच एक कलाकार राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर सबसे आगे है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश नेतृत्व का एक बड़ा हिस्सा उन्हें चाहता है। हालांकि उन्हें पहले चुनावी राजनीति में देखा गया था, लेकिन वास्तव में वह कीर्तन, बाउल और अन्य भक्ति गाना गाने के अलावा के साथ ही संगठन के भी नेता हैं। नाम सिद्धार्थ शंकर नस्कर है। हालाकि, चुनाव में वो पहले दो बार हार भी चुके हैं। वहीं राज्य के महासचिवों में से एक जगन्नाथ चटर्जी भी दौड़ में हैं। पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव कराने की मुख्य जिम्मेदारी दी है। कई लोगों का मानना ​​है कि जगन्नाथ, जो असल में बीरभूम के रहने वाले हैं, लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं होंगे। क्योंकि पहले से ही उनपर बहुत जिम्मेदारियां हैं। इसलिए बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है।  वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने साफ-साफ कह दिया है कि  यह केंद्रीय नेतृत्व का फैसला है। नामों की घोषणा दिल्ली से की जाएगी। बंगाल ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी बीजेपी की राज्यसभा की सीटों का फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करता है। बंगाल के नेताओं की राय जरूर ली जाएगी लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र का ही होगा।

 

लेकिन बीजेपी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पहले ही नाम मांगा जा चुका है। राज्य के शीर्ष नेताओं ने पांच नाम फाइनल भी कर लिये हैं। लेकिन वे कौन हैं, इस बारे में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। प्रदेश भाजपा चाहती है कि किसी ऐसे व्यक्ति को राज्यसभा भेजा जाए जो ‘प्रसिद्ध’ हो और उसके पास ‘राजनीतिक’ प्रतिष्ठान भी हो। भविष्य में उस सुनिश्चित सीट पर किसी ऐसे व्यक्ति को नामांकित किया जाना चाहिए जो राज्य को संगठित करने में उपयोगी हो।

पिछली बार राज्यसभा चुनाव में मिथुन चक्रवर्ती का नाम अटकलों में आया था। वह पहले तृणमूल के टिकट पर राज्यसभा में थे। लेकिन प्रदेश बीजेपी अभी तक मिथुन के नाम पर विचार नहीं कर रही है। हाल ही में उन्हें ‘पद्म भूषण’ अवॉर्ड भी मिला है। पिछली बार अभिनेत्री रूपा गंगोपाध्याय को बीजेपी ने राज्यसभा में सांसद के रूप में नामित किया था। लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बाद रूपा को ऐसे संगठनात्मक कार्यों में नहीं पाया गया। इन सभी ‘उदाहरणों’ को देखते हुए प्रदेश भाजपा किसी ‘स्टार’ उम्मीदवार के बजाय संगठन में काम करने वाले व्यक्ति की तलाश में है। पूर्व राज्यसभा सांसद (नामित) स्वप्न दासगुप्ता के नाम की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन अपनी उम्र और संगठनात्मक मामलों में कम भागीदारी के कारण वे रेस में पीछे हो गए हैं। कुछ लोग तृणमूल छोड़ने वाले पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का भी नाम ले रहे हैं। हालांकि, इस बात को लेकर भी सवाल है कि क्या राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए किसी गैर-बंगाली को नामांकित किया जाएगा।

लेकिन प्रदेश भाजपा जो भी नाम भेजे और केंद्रीय नेतृत्व घोषणा करे, एक बात तय है कि मोदी और शाह किसी भी नेता को ‘पुरस्कार’ के तौर पर राज्यसभा नहीं भेजेंगे। किसी को ‘खुश’ करने के लिए नहीं, बीजेपी किसी ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाएगी जो संगठन को फायदा पहुंचाएगा और चुनाव के लिहाज से उपयोगी होगा। अब पूरा खेल केंद्रीय नेतृत्व के ही हाथ में हैं।