बारासात: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई। सुबह से ही राज्य के कई जिलों में चुनावी हिंसा और हत्या की घटना हुई। बारासात के कदंबगाछी में कथित तौर पर एक निर्दलीय समर्थक अब्दुल्ला अली पर हमला कर उसे घायल कर दिया गया। कथित तौर पर सुबह से इलाके में कोई पुलिस या केंद्रीय बल नहीं था। इसी बीच एक महिला सुबह से ही बूथ के गेट के बाहर बैठी रही। जब उनसे पूछा गया कि क्या हुआ तो उसने कहा कि मेरे पति को तृणमूल के लोगों ने मार डाला। रात में हमला किया गया। मैं किसी को वोट भी नहीं देने दूंगी। आरोप है कि रात में कुछ उपद्रवियों ने निर्दलीय समर्थकों पर हमला कर दिया। उसे बुरी तरह पीटा गया। आरोप है कि अब्दुल्ला अली नाम के एक निर्दलीय समर्थक गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद शनिवार सुबह से इलाके में तनाव फैल गया। हालांकि पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखोपाध्याय ने दावा किया कि अब्दुल्ला अली को गंभीर चोट होने के कारण उन्हें आरजीकर अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बारासात के एसडीपीओ भी मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों का दावा है कि पुलिस भी बूथ में घुस गई और गेट पर ताला लगा दिया। मतदाताओं के एक वर्ग ने शिकायत की, हम सुबह मतदान लाइन में खड़े थे। मुझे समझ नहीं आया कि क्या हुआ, मुझे वोटिंग लाइन में पीटा गया। निर्दलीयों ने पीटा है। निर्दलीय समर्थकों का दावा है कि वे किसी भी हालत में वोट नहीं करेंगे। एक तरफ जहां पुलिस से बूथ के गेट पर ताला लगाने की शिकायत की गई तो वहीं दूसरी तरफ एक बुजुर्ग महिला भी बाहर से ताला लटकाती नजर आईं। मालूम हो कि महिला निर्दलीय पार्टी की भी समर्थक हैं। इसी बीच, अब्दुल्ला का भाई सड़क पर लेट गया। दूसरी ओर, एक गुट ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस संबंध में एक निर्दलीय समर्थक ने कहा कि लोग घरों में घुसकर पीटकर जा रहे हैं। गांव के लोग तृणमूल उम्मीदवार नहीं, निर्दलीय उम्मीदवार चाहते हैं।