अब कभी बहुओं को नहीं पढ़ाउंगा- SDM ज्योति मौर्या पर बोले ससुर मुमारी मौर्या

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बरेली जिले में तैनात पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या को इन दिनों कौन नहीं जनता है। वह अपने सफाईकर्मी पति आलोक मौर्या से विवाद को लेकर वह इन दिनों खूब चर्चाओं में हैं। ज्योति और आलोक के वीडियो और ऑडियो इस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है। हालांकि इन दोनों के सुर्खियों में होने के साथ-साथ आजमगढ़ जिले की मेहनगर तहसील का बछवल गांव भी सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि यह ज्योति के पति आलोक का पैतृक गांव है।

उल्लेखनीय है कि बछवल गांव के रहने वाले आलोक मौर्या की शादी साल 2010 में वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र के चिरइगांव की ज्योति मौर्या से हुई थी। शादी के बाद रिश्ते कई सालों तक अच्छे से चलते रहे। मेहनत और लगन से पढ़ाई करने के बाद ज्योति का चयन शिक्षक पद पर हुआ, लेकिन ज्योति का पीसीएस अधिकारी बनने का सपना था जिसको उन्होंने साल 2016 में हासिल कर लिया। दोनों के रिश्ते काफी सालों तक ठीक थे लेकिन बीते दिनों ज्योति मौर्या पर आलोक मौर्या के आरोपों ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए।

वहीं एक इंटरव्यू के दौरान आलोक के पिता मुरारी मौर्या और ग्रामीणों ने इस विवाद की जमकर निंदा की। आलोक के पिता ने कहा कि ज्योति जो भी फैसला ले रही हैं, वो समाज और संस्कारों के खिलाफ है। उनके दो बच्चे हैं। उनके भविष्य के बारे में न सोचकर वो ऐसा फैसला कर रही हैं जो सामाजिक दृष्टिकोण से बेहद निंदनीय है। यही नहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा कि आलोक और उनके पिता ने अपनी खून पसीने की कामाई से ज्योति को यहां तक पहुंचाया है। बिना इन लोगों के ज्योति मौर्या कभी इस मुकाम को हासिल नहीं कर पाती।

आलोक के पिता का कहना है कि अब और बहुओं को पढ़ाने का फैसला लेना उनके लिए बहुत कठिन होगा। वहीं जब शादी के कार्ड पर छपे ग्राम पंचायत अधिकारी के पदनाम की तहकीकात की गई तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि जिस शादी के कार्ड की चर्चा हो रही है, वो अलोक ने नहीं बल्कि खुद ज्योति के घरवालों ने छपवाया था और बांटा था जिसका हमारे परिवार से कोई मतलब नहीं है।