क्या दो हजार के नोट होंगे बंद ?

भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया

196

रांची / नई दिल्लीः  प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी द्वारा लांच दो हजार के नोट बंद होंगे? यह एक अहम सवाल है। दो हजार का नोट लांच करने के पीछे सरकार ने मंशा जताई थी कि इससे भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगा।

लेकिन भारतीय जनता पार्टी के बिहार कोटे से राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में दावा किया कि दो रुपये के नोटों का आपराधिक गतिविधियों व

अवैध व्यापार में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए सरकार को इसे चरणबद्ध तरीके से बंद करने पर विचार करना चाहिए।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बाजार में गुलाबी रंग के दो हजार रुपये के नोटों का दर्शन दुर्लभ हो गया है।

एटीएम से नहीं निकल रहा है और अफवाह है कि यह अब वैध नहीं रहा। इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

भाजपा सदस्य सुशील मोदी ने दावा किया कि पिछले तीन वर्ष से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो हजार रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी है और बड़ी संख्या में दो हजार रुपये के नकली नोट जब्त भी किये जा रहे हैं।

बड़े पैमाने पर लोगों ने दो हजार के नोटों की जमाखोरी कर रखी है। केवल अवैध व्यापार में इसका इस्तेमाल हो रहा है। कुछ जगहों पर यह ब्लैक में भी मिल रहा है व प्रीमियम पर बिक रहा है।

सुशील मोदी ने सदन में आगे कहा कि मादक पदार्थों, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण में सहित कई अपराधों में इन नोटों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।

उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में बड़े नोटों का प्रचलन बंद हो गया है। अमेरिका में अधिकतम 100 डॉलर है और वहां भी 1,000 डॉलर के नोट नहीं हैं। चीन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ में भी नोटों के अधिकतम मूल्य 200 तक ही है।

बिहार के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केवल पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में 5,000 के नोट हैं जबकि इंडोनेशिया में एक लाख मूल्य तक के नोट प्रचलन में हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में दो हजार के नोट के प्रचलन का अब कोई औचित्य नहीं है। अब तो सरकार डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा दे रही है। इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह चरणबद्ध तरीके से दो हजार के नोटों को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाना चाहिए।

उन्होंने मांग की कि सरकार जनता को मौका दें ताकि वे एक या दो साल में दो हजार के नोटों को दूसरे नोटों से बदल लें। दो

बंद किये गये थे ये नोट
यहां चर्चा कर दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके तहत 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अवैध घोषित कर चलन से बाहर कर दिया गया था। सरकार ने कुछ दिनों के बाद उनके स्थान पर 500 रुपए और 2,000 रुपये के नये नोट जारी किये थे।

 

यह भी पढ़ें – सीए सुमन कुमार की डिस्चार्ज अर्जी पर फैसला सुरक्षित