खून की नदी बहा देंगे – बनगांव से बीजेपी विधायक ने दी टीएमसी को धमकी

टीएमसी विधायक को दी धमकी

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कोलकाता : बंगाल में कुछ महीनों में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। लेकिन चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में माहौल पूरी तरह से गर्म बैठा हुआ है । सत्ताधारी तृणमूल और विपक्षी भाजपा आमने-सामने हैं। अब इसी क्रम में बनगांव से बीजेपी विधायक ने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ताओं को धमकी देते हुए कहा कि अगर पंचायत चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी हुई तो फिर खून की नदी बहायेंगे ।

इस दौरान उन्होंने बागदा से तृणमूल के विधायक को धमकी देते हुए उन्हें लफंगा करार दिया और पूरे भाषण के दौरान उन्होंने तृणमूल विधायक को लफंगा कहा । इसका जवाब देते हुए टीएमसी विधायक ने कहा कि वह अचानक जनप्रतिनिधि बन गए है इसलिए जनप्रतिनिधि होने की कीमत नहीं समझते।

उत्तर 24 परगना के बनगांव प्रखंड के विधायक स्वपन मजूमदार गारापोटा ग्राम पंचायत में आवास योजना में भ्रष्टाचार को लेकर प्रतिनियुक्ति देने आए थे । तभी उन्होंने टीएमसी पर हमला बोला। उन्होंने आगामी पंचायत चुनाव को लेकर भी आगाह किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘इन चोरों को डरने की कोई बात नहीं है। आने वाले पंचायत चुनाव में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता हर बूथ पर भाजपा के झंडे लेकर खड़े रहेंगे । ‘मतदान के दिन आप भोजन की व्यवस्था कर दीजिएगा।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास करती है। वह आम लोगों के अदिकारों के लिए लड़ती है और लड़ेगी । लेकिन अगर वोट निष्पक्ष नहीं हुआ तो हम खून की गंगा बहा देंगे । हम आम लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होने देंगे।

उत्तरी 24 परगना के बनगांव प्रखंड के गंडापोटा ग्राम पंचायत में आवास योजना सहित 12 सूत्रीय मांग को लेकर बनगांव उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अशोक कीर्तन्या प्रतिनियुक्ति पर आए. उन्होंने बगदा के मौजूदा तृणमूल विधायक बिस्वजीत दास पर सीधा हमला बोला। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘वह तृणमूल से हाथ-पांव पकड़कर आए थे और बीजेपी के टिकट से जीते और बाद में तृणमूल में चले गए। वहीं अणुव्रत मंडल मंडल और माणिक भट्टाचार्य को याद दिलाते हुए कहा कि वे दोनों बड़े नेता है लेकिन जेल में है । आपको छूट भी नहीं मिलेगी। आपको भी जेल जाना होगा।

बनगांव संगठनात्मक जिला तृणमूल के अध्यक्ष बिस्वजीत दास ने बीजेपी के दोनों विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा, ”अचानक वे जनप्रतिनिधि बन गए हैं। जनप्रतिनिधियों की कीमत नहीं समझते! वे अंधकार की दुनिया से आते हैं। स्वाभाविक है कि उनकी भाषा अंधेरी दुनिया के लोगों जैसी है। वे लगातार अपनी जमीन खो रहे हैं । भविष्य में वे भी खत्म हो जायेंगे ।