रांची : ईडी ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को सरकार के प्रमुख विभागों में अहम पदों की जिम्मेदारी देने में झारखंड सरकार के एक मंत्री की भूमिका की जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी का फोकस वीरेंद्र की पोस्टिंग में पिछले दिनों हुए पैसों के लेन-देन पर भी है। इधर, ईडी ने शनिवार को भी वीरेंद्र से पूछताछ की थी। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान वीरेंद्र ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई खास और पुख्ता राज भी खोले हैं। ईडी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी ने छापेमारी के दौरान दस पेन ड्राइव बरामद की थी। इनमें 10 साल के सरकारी ठेकों का ब्योरा है। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि वीरेंद्र राम ने कितना कमीशन लिया।
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भ्रष्टाचार के मामले में मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका की पुष्टि पेन ड्राइव से की जा सकती है। हालांकि ईडी ने अब तक इस संबंध में कुछ नहीं बताया है। बता दें, जमशेदपुर में साल 2019 में वीरेंद्र के रिश्तेदार आलोक के ठिकानों से 2.67 करोड़ मिले थे। एसीबी ने पाया था कि पैसा वीरेंद्र का था। इसके बाद ईडी ने वीरेंद्र के खिलाफ पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली। ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि किसके उकसाने पर कार्रवाई की अनुमति नहीं दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक वीरेंद्र राम ने कई अहम खुलासे किए हैं। ईडी ने हाल ही में उन्हें 5 दिन की रिमांड पर लिया था और पूछताछ जारी है।