खेल आधारित शिक्षण कार्यक्रम ‘बालवाटिका’ पर कार्यशाला आयोजित

पूर्व प्राथमिक स्तर के बच्चों को खेल-खिलौनों से दी जायेगी शिक्षा

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रांची : झारखंड शैक्षिक अनुसंधान सह प्रशिक्षण परिषद एवं यूनिसेफ की ओर से झारखंड के सभी डायट फैकल्टी के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यशाला खेल आधारित शिक्षण कार्यक्रम ‘बालवाटिका’ की कक्षा को संचालित करने वाले विद्यालयों के शिक्षकों को शैक्षणिक संवर्धन में सहयोग करने के लिए प्रदान की गयी। इस प्रशिक्षण में सभी जिलों के डाइट फैकल्टी द्वारा राज्य में बालवाटिका के संचालन के लिए सभी सन्दर्भ सामग्रियों का निर्माण किया गया, जिसका उपयोग बालवाटिका के लिए किया जाना है।

इस प्रशिक्षण में विक्रमशिला एजुकेशन सोसाइटी, कोलकाता से आये हुए प्रशिक्षक श्रीती मुखर्जी एवं यूनिसेफ के संजीव कुमार ने पूरे पांच दिन सभी विषयों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कार्यक्रम को पूर्ण कराया। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के बालवाटिका प्रभारी कामेश्वर सिंह एवं अनमोल रतन के मार्गदर्शन में इस कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में कुल 60 संभागियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से लगभग 1000 बालवाटिका केंद्रों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लिए संभागियों ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन एक अनूठे अनुभव के साथ समापन हुआ है, जिसमें हमने बच्चों के सीखने के सभी गतिविधियों का एक पॅकेज खुद बनाया है, जिसे पहले कभी नहीं किया गया था। हमने प्रशिक्षण के लिए पूरे कार्यक्रम से जुडी संदर्शिका का भी निर्माण किया है, जिसे हम अपने-अपने जिलों में लेकर जा रहे हैं। ये एक यादगार अनुभव हैं।

क्या है बालवाटिका कार्यक्रम :

बालवाटिका पूर्व-प्राथमिक स्तर का एक खेल आधारित शिक्षण कार्यक्रम है। मुख्य रूप से इसका निर्माण पहली कक्षा से भी पूर्व की अवस्था वाले बच्चों के लिए किया गया है। इसके अंतर्गत बच्चों को खेल-खिलौनों से संबंधित गतिविधियों की सहायता से शिक्षा दी जाएगी।