ब्यूरो रांची : पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला पंजाब प्रांत के फैसलाबाद का है. बता दे कि पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यकों पर हमला हुआ है. फैसलाबाद में इस्लाम की पवित्र पुस्तक जलाने के आरोप में भीड़ ने चर्चों पर अटैक किया है. वहां तोड़फोड़ और आगजनी की है. ईसाई समुदाय के घरों को भी तोड़ा है. घटना को लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक दलों ने निंदा की है. अमेरिका ने कहा है कि हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी स्वीकार्य नहीं है.
फैसलाबाद जिले में स्थित एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और इसके बाद उपद्रवियों ने चर्च को आग के हवाले कर दिया लाहौर स्थित बिशप आजाद मार्शल के अनुसार, पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और इसके बाद उसमें आग लगा दी गई. बताया जा रहा है कि भीड़ ने पंजाब प्रांत के फैसलाबाद जिले के एक चर्च में तोड़फोड़ ईशनिंदा के आरोपों के बाद की है.
बिशप मार्शल ने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं, जिन्होंने चर्च और ईसाइ समुदाय पर हमला किया है। साथ ही उन्होंने सरकार से नागरिकों की सुरक्षा की मांग की और उन्हें आश्वस्त करने को कहा कि उनका जीवन पाकिस्तान में मूल्यवान है, जिसने हाल ही में अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाया है. बता दें कि पाकिस्तान की स्थापना 1947 में एक सहिष्णु और समतावादी देश बनाने के इरादे से की गई थी, लेकिन बीते 70 सालों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले के मामले सामने आए हैं. पिछले महीने ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान के अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा था कि आजादी के बाद से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई है.
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