Zero Shadow Day : देश के कुछ भागों में आज होगा शून्य छाया का दिन……

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बेंगलुरु/रांची : 18 अगस्त 2023 को भारत में किसी भी चीज की परछाईं नहीं दिखेगी. क्योंकि इस दिन जीरो शैडो डे है. शून्य छाया दिवस एक अनोखी खगोलीय घटना है जो तब घटित होती है जब सूर्य ठीक सिर पर होता है. यह वह दिन है जब ऊर्ध्वाधर वस्तुओं की छाया गायब हो जाती है. बेंगलुरु में यह साल में दो बार होता है, एक उत्तरायण के दौरान और दूसरा दक्षिणायन के दौरान.

देश में ऐसे दो मौके उत्पन्न होते हैं, जब जीरो शैडो का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. इसकी तारीख और समय क्षेत्र के आधार पर अलग हो सकती है. अंतिम बार 25 अप्रैल को बैंगलोर में यह नजारा देखने को मिला था और अब एक बार भी इसके साक्षी बनने के लिए आप तैयार हो जाएं.

बेंगलुरु ने 25 अप्रैल 2023 को दोपहर 12:17 बजे शून्य छाया दिवस का अनुभव किया गया. जवाहरलाल नेहरू तारामंडल ने घटना से पहले एक विज्ञप्ति जारी की. बेंगलुरु में जीरो शैडो डे 18 अगस्त को है.

जैसे ही इस खगोलीय घटना का समय नजदीक आएगा आपकी परछाई गायब होने लगेगी. यहां तक की आपके आस पास की बिल्डिंग्स, खंभों की भी परछाई गायब हो जाएगी. इस घटना को और बेहतर तरीके से समझने के लिए आप सूरज की रोशनी में पानी की बोतल, टॉर्च भी खड़ी करके रख सकेत हैं. 12.24 के चंद सेकंड बाद ही आपको एहसास होगा कि इन सभी चीजों की परछाई गायब हो गई है. इसे Zero Shadow Time कहते हैं.

सूरज की किरणें कभी भी किसी ऑब्जेक्ट, चाहे वो इंसान हो, जानवर या कोई वस्तु, उसे पार नहीं कर पाती. ऐसे में जब किरणें नीचे की तरफ आती हैं तो ऑब्जेक्ट से टकराती तो हैं, लेकिन उसे भेद नहीं पातीं, तब रुकी हुई रोशनी जितने हिस्से पर परछाई-नुमा अंधेरा छा जाता है. यही शैडो है. तो एक तरह से रोशनी की कमी है, जो परछाई कहलाती है.

 

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