रघुबर और सरयू की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रहा

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रांचीः मनभेद से शुरू हुई रघुबर दास और सरयू राय की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। सरयू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास को बैलेट के सहार पटखनी तो दे दी लेकिन अभी भी दोनों दो-दो हाथ करने की तैयारी में बैठे हैं। छठपूजा पूर्व रघुबर, सरयू के समर्थकों में हुई हाथापाई और मारपीट से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षे़त्र के लोग दहशत में हैं। उन्हें लग रहा है कि रघुबर -सरयू समर्थक एक बार पिफर भिडेगें। सरयू राय का बयान हमला उनके कार्यकर्ताओं पर नहीं उनपर हुआ है।
ज्ञात हो कि शुक्रवार को देर शाम रघुबर व सरयू समर्थकों में भिड़ंत हो गई, वह भी सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में ही। दोनों के समर्थकों के बीच जमकर लात-घूंसे चले, कुर्सी, बांस व लाठी से भी पिटाई हुई, जिसमें दोनों ओर से पांच-छह लोग घायल भी हुए।
घटना छठ पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर हुआ। वहां पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास के नेतृत्व वाली कमेटी 30 अक्टूबर को छठ पर गीत-संगीत के आयोजन की तैयारी में जुटी थी। कार्यक्रम स्थल के पास ही विधायक सरयू राय के समर्थकों ने एक टेंट (केनोपी) लगाई थी, जहां तीन दिन तक भजन-कीर्तन करने वाले थे। दोनों के समर्थक अपने-अपने टेंट के पास जमे थे। इसी बीच रात करीब आठ बजे अचानक कुछ लड़के परिसर में घुसे और सरयू राय के केनोपी को पलट दिया। इस पर भाजमो के जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव विरोध करने लगे, तो लड़कों ने सुबोध के साथ अन्य सरयू समर्थकों को भी पीटा। वहां रखी कुर्सियां उठाकर फेंकने लगे। इसी बीच सरयू समर्थक भी हमलावर हो गए, जिसके बाद दोनों ओर से मारपीट होने लगी। दोनों पक्ष ने सिदगोड़ा थाना में एक-दूसरे के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई है।