छह जनवरी से झारखंड के अधिवक्ता नहीं करें न्यायिक कार्य 

कोर्ट फीस बढ़ोत्तरी, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करने से अधिवक्ताओं में नाराजगी

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रांची : राज्य के अधिवक्ता छह जनवरी से किसी भी तरह के न्यायिक कार्य नहीं करेंगे। न्यायिक कार्यों से खुद को अलग रखने की बात उन्होंने अगली रणनीति तय होने तक की है।

आज एक आपात बैठक झारखंड राज्य बार कौंसिल की हुई। जहां तय किया गया कि झारखंड के अधिवक्ताओं के हितो की लगातार अनदेखी की जा रही है। ऐसे में छह जनवरी से सभी अधिवक्ता खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखेंगे।

आज हुई बैठक में के बाद बताया गया कि झारखंड में बेतहाशा कोर्ट फी में बढ़ोत्तरी, राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट नहीं लागू करने, बजट में अधिवक्ता कल्याण के लिए निधि आवंटन नहीं करने, लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक राज्य के बार एसोसिएशनो से नहीं बनाने को लेकर राज्य के अधिवक्ता अपने को न्यायिक कार्यों से अलग रहने का निर्णय लिया है।

बताया गया कि सात जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री आवास में होने वाली अधिवक्ताओं की बैठक से झारखंड राज्य बार कौसिल का कोई संबंध नहीं है। इस बैठक में कौसिल का कोई सदस्य भाग नहीं लेगा। इसके साथ ही तय हुआ है कि आठ जनवरी को पूरे राज्य के बार एसोएिशन के पदाधिकारियों की बैठक झारखंड राज्य बार कौंसिल में दिन के 11.30 बजे होगी। जिसमें आगे की रणनीति तय होगी।

आज के बैठक की अध्यक्षता कौसिल के चैयरमैन राजेन्द्र कृष्णा ने किया। बैठक में झारखंड राज्य बार कौंसिल के अध्यक्ष राजेन्द्र कृष्णा, उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल, बार कौंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रशांत कुमार सिंह, कौंसिल के सदस्य महेश तिवारी,

अमर सिंह, राधेश्याम गोस्वामी, मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव, बालेश्वर प्रसाद सिंह, ए. के रशीदी, संजय विद्रोही, परमेश्वर मंडल, हेमंत कुमार शिकरवार, रिंकु कुमारी भगत, अनिल कुमार महतो, धर्मेन्द्र नारायण, प्रयाग महतो, कुंदन प्रकाशन, अनिल कुमार महतो, गोपेश्वर प्रसाद झा, राज कुमार सहित अन्य सदस्य शामिल थे।