KALI PUJA 2022: दो साल बाद एक बार फिर दक्षिणेश्वर मंदिर में श्रद्धालु देख सकेंगे पूजा

इस वर्ष दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा का यह 168वां वर्ष है।

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कोलकाताः दो साल बाद काली पूजा की रात भक्तों और दर्शनार्थियों एक बार फिर दक्षिणेश्वर मंदिर परिसर में बैठकर पूजा देखने का मौका मिलेगा।
कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह मौका बंद था।  इस वर्ष दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा का यह 168वां वर्ष है।
मंदिर सूत्रों के अनुसार, पौराणिक कथाओं में वर्णित पुराने सोने के गहनों से भवतारिणी को सजाया जाएगा। मां को पुराने अंदाज में ही बनारसी साड़ियां पहनायी जाएंगी।

आज सोमवार सुबह 5 बजे से भक्तों और दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। काली पूजा में रात भर मंदिर में पूजा चलती रहेगी।
मंदिर के अधिकारियों के अनुसार,  कोरोना प्रतिबंधों के कारण मंदिर परिसर में बैठने की अनुमति नहीं थी। इस बार पूजा करने के बाद  नटमंडी परिसर में बैठकर लोग मंदिर परिसर में लगे बड़े पर्दे पर इसका दर्शन करेंगे।

दक्षिणेश्वर मंदिर की अची परिषद की ओर से कुशल चौधरी ने बताया कि भवतारिणी की पूजा को देखने के लिए श्रद्धालु पूरी रात काली पूजा का इंतजार करते हैं। उन्होंने बताया कि मैं बहुत खुश हुं कि एक बार फिर उन्हें यह  मौका मिला है।

168वीं पूजा की शुरूआत आज तड़के मंगलारती के साथ  हुई है। प्रतिदिन के तरह ही पूजा के अलावा रात्रि में विशेष पूजा होगी। हर साल की तरह इस बार भी आपदा मोचन बल और रिवर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती रहेगी।

पूजा रात 10:30 बजे से शुरू होगी। हर साल की तरह इस बार भी मुख्य मंदिर समेत पूरे चौक को दीपों से सजाया गया है। उन्होंने बताया कि दक्षिणेश्वर गेस्ट हाउस के बगल में खाने-पीने की दुकानों का एकीकृत तरीके से पुनर्वास किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों को भोजन की कोई समस्या न हो।

बैरकपुर के पुलिस आयुक्त आलोक राजोरिया ने दक्षिणेश्वर में पूजा की तैयारियों को जायजा लिया। बैरकपुर पुलिस और राज्य पुलिस द्वारा पूरे मंदिर परिसर में सादी वर्दी,  बम निरोधक दस्ते, विशेष पुलिस बल तैनात किए गए हैं। वहीं, मंदिर के अपने सुरक्षा गार्ड के अलावा करीब 30-35 सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जाएगी।

दक्षिणेश्वर मंदिर के अलावा भी कोलकात के कालीघाट मंदिर, ठनठनिया मंदिर, छितेश्वरी कालीमंदिर, तारापीठ सहित विभिन्न काली मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी।